डूंगरपुर. कोतवाली थाने में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ शनिवार को धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है. आरोप है कि लुभावनी स्कीम का झांसा देकर एफडी और आरडी में इन्वेस्ट करवाया और मैच्योरिटी के समय ऑफिस बंद कर भाग गए. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
कोतवाली थानाधिकारी सुरेंद्र सोलंकी ने बताया कि मथुरी देवी और सुरेशचंद्र टेलर निवासी नई बस्ती डूंगरपुर की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. इसमें बताया कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड जोधपुर का एक कार्यालय डूंगरपुर में भी खोला गया. इसके माध्यम से लोगो को लुभावनी स्कीम बताकर इन्वेस्ट करवाया. मथुरी देवी और सुरेन्द्रचंद्र टेलर के नाम से टर्म डिपोजिट के रूप में 8 मार्च 2019 को 1 लाख 25 हजार रुपए जमा करवाए. सालभर में ये राशि 1 लाख 37 हजार 812 रुपए परिपक्व थी. वहीं, दोनों के नाम से आरडी 10 हजार प्रतिमाह की करवाई. 6 महीने तक किश्तों के रूप में कुल 60 हजार 79 रुपए जमा हुए.
मथुरी देवी के नाम से बचत खाते ने 1301 रुपए जमा थे. इस तरह कुल 1 लाख 86 हजार रुपए जमा करवाए, लेकिन संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी ने न तो मूल राशि लोटाई ओर न ही परिपक्व राशि. एफडी और आरडी की राशि परिपक्व होते ही संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव की डूंगरपुर ब्रांच को बंद कर भाग गए. मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
900 करोड़ के घोटाले का मामला: बता दें कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी पर 9 सौ करोड़ घोटाले का आरोप है. साल 2019 की शुरूआत में सोसायटी में गड़बड़ियां सामने आने लग गई. जब मामला बढा तो अगस्त 2019 में यह मामला स्पेशल आपरेशन ग्रुप यानी एसओजी में चला गया. इसके बाद सोसायटी बंद हो गई. इसके मुखिया विक्रमसिंह इंद्रोई समेत कई लोगों को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल, मामले की जांच अभी भी चल रही है.