डूंगरपुर. विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारत आदिवासी पार्टी अब प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में अब बीएपी ने आगामी लोकसभा चुनाव में डूंगरपुर-बांसवाड़ा के साथ ही उदयपुर समेत अन्य कई सीटों पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है. वहीं, पार्टी प्रमुख व विधायक राजकुमार रोत ने साफ कर दिया है कि बीएपी का कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं है और न ही वो आगे गठबंधन करेंगे. ऐसे में उनकी पार्टी स्वतंत्र चुनाव लड़ेगी.
कांग्रेस से गठबंधन के सवाल को किया खारिज : वहीं, बीएपी विधायक राजकुमार रोत ने पार्टी की कांग्रेस व इंडिया गठबंधन से संभावित गठजोड़ की चर्चाओं को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन खुद ही लड़खड़ा रहा है. उनके नेताओ में ही अभी तक सामंजस्य नहीं बैठ पाया है. प्रदेश में भी कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों में स्थिति साफ नहीं है. ऐसे में हमारी कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने की कोई योजना नहीं है.
इसे भी पढ़ें - विधायकों का सोशल मीडिया वॉरः बीटीपी विधायक ने कांग्रेस विधायक को खुद का घर संभालने की दी नसीहत
हम स्वतंत्र लड़ेंगे चुनाव : यदि कांग्रेस से गठबंधन की बात होती तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही हो जाता, लेकिन न तो कांग्रेस की तरफ से कोई प्रस्ताव आया है और न ही हमारा कोई इरादा है. हमारी पार्टी स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की जनता ने हमारे तीन विधायकों को चुनकर विधानसभा भेजा है. अभी हमारी पार्टी प्रदेश की तीसरी बड़ी पार्टी है. लोकसभा चुनावों में भी हम डूंगरपुर-बांसवाड़ा और उदयपुर की सीट से प्रत्याशी उतारनने की तैयारी कर रहे हैं.
बीएपी बन सकती है चुनौती : बीटीपी से अलग होने के बाद बीएपी ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और तीन सीटों पर जीत दर्ज की. डूंगरपुर जिले की चोरासी सीट से 1 लाख 11 हजार से ज्यादा वोट से राजकुमार रोत चुनाव जीते, जबकि आसपुर सीट से उमेश डामोर विजय हुए. हालांकि, इस सीट पर पहले भाजपा का कब्जा था. वहीं, प्रतापगढ़ जिले के धरियावाद सीट पर भी बीएपी को कामयाबी मिली. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए बीएपी बड़ी चुनौती बन सकती है.