डूंगरपुर. जिले के आसपुर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहले से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. वहीं, राज्य सरकार ने स्वास्थ्य केंद्र पर स्वीकृत नर्स ग्रेड सेकेंड के पद विलोपित कर यहां के लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी है. स्टाफ की कमी का असर मरीजों की जांच और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.
उपखंड मुख्यालय आसपुर का अस्पताल होने के चलते यहां रोजाना सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन स्टाफ के अभाव में उन्हें ना तो समय पर इलाज मिल पाता है और ना ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है.
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी योगेश उपाध्याय ने बताया कि आसपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स ग्रेड सेकंड के 7 पद स्वीकृत थे, लेकिन वर्ष 2017 में जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज शुरू होने के समय सरकार ने आदेश जारी कर 7 में से 6 पद विलोपित कर मेडिकल कॉलेज को दे दिए, जिससे यहां स्टाफ की कमी हो गई. वहीं वर्तमान में केवल एक डॉक्टर के भरोसे पूरा अस्पताल चल रहा है.
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ब्लॉक सीएमएचओ उपाध्याय ने बताया कि आसपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले रोगियों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में यहां पर पूरा स्टाफ नियुक्त करने की जरूरत है. इस समस्या के बारे में उन्होंने उच्चाधिकारियो को अवगत कराया है. साथ ही विभागीय स्तर पर पत्र लिखकर रिक्त पद भरने की मांग भी की है. वहीं, स्थानीय विधायक गोपीचंद मीणा का कहना है कि वो लंबे समय से आसपुर अस्पताल के मामले को उठा रहे हैं, जिससे क्षेत्र के मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधाएं मिल सके.