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डूंगरपुर: तांत्रिक विद्या से रुपये दोगुने करने का झांसा देकर की 11 लाख की ठगी, शातिर गिरफ्तार

डूंगरपुर में तांत्रिक विद्या से रुपये दोगुने करने का झांसा देकर एक ढोंगी ने साथियों संग मिलकर दो दोस्तों से 11 लाख रुपये की ठगी की है. घटने में मुख्य शातिर को गिरफ्तार कर लिया गया.

डूंगरपुर में 11 लाख की ठगी , शातिर गिरफ्तार, fraud arrested in Dungarpur
डूंगरपुर में ठग गिरफ्तार
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Published : Oct 30, 2021, 9:25 PM IST

Updated : Oct 30, 2021, 9:47 PM IST

डूंगरपुर. तांत्रिक विद्या से रुपये डबल करने का झांसा देकर मुंबई और कोटा के 2 लोगों से 11 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर को सागवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. कोरोना काल में हुए घाटे से उबरने के लिए दोनों पीड़ित दोस्त तांत्रिक के झांसे में आ गए.

सागवाड़ा थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि 11 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी धनराज उर्फ ढगलाराम (54) पुत्र डूंगाराम मेघवाल निवासी सिरियारी जिला पाली हाल हिरणमगरी सेक्टर 14 पुलिस थाना सविना उदयपुर को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि उसके सहयोगी मावजी पुत्र मेघा ननोमा निवासी लक्षमणपुरा सागवाड़ा और अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है.

पढ़ें. 1 करोड़ की ठगी करने वाले दो साइबर ठग गिरफ्तार, स्वैप मशीन के साथ कई डेबिट और एटीएम कार्ड भी बरामद

10 अक्टूबर को आशीष जैन पुत्र स्वर्गीय सतीशचंद्र जैन निवासी भीमगंज मंडी कोटा ने सागवाड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया था. बताया था कि उसके दोस्त उन्मेष शेनवी पुत्र तुलसीराम शेनवी निवासी दत्तावाड़ी कलवा वेस्ट थाना मुंबई ने 3 साल पहले फोन पर बताया था कि सागवाड़ा राजस्थान मे मावजी नाम का व्यक्ति सिद्धियां जानता है और आर्थिक समस्याओं का निवारण करता है. इस पर आशीष और उसका दोस्त उन्मेष 2 सितंबर को सागवाड़ा आ गए और एक होटल में रुके.

दूसरे दिन भूपेश नाम का व्यक्ति उन्हें लेने आया तो वे उनके साथ मावजी के पास गए. जहां मावजी ने एक गुरुजी से मिलवाया. वहां से 2 व्यक्ति पहले से बैठे हुए थे, जिन्होंने खुद को महाराष्ट्र के पालघर का रहने वाला बताया. इसके बाद पास में बैठे दोनों लोगों ने 11 लाख रुपये गुरुजी को दिए जिसे बैग में रखकर एक डिब्बे में बंद कर दिए और ले जाने के लिए कहा. इसे देखकर वे भी उनके झांसे में आ गए.

पढ़ें. बूंदी में स्कूटर के सीट के नीचे से 2 लाख रुपए चोरी

आशीष ने बताया कि उन्होंने रुपये डबल करने की विद्या के बारे में पूछा तो बोले कि लक्ष्मी से ही लक्ष्मी का आह्वान होता है. कोरोना में डेढ़ साल तक आर्थिक नुकसान होने के कारण दोनों इस घाटे से उबरने के झांसे में आ गए. 30 सितंबर को 11 लाख रुपये लेकर मावजी के पास गए, जहां गुरुजी ने राशि को डबल करने का झांसा देकर रुपए को एक लाल कपड़े में रखा, फिर डिब्बे में डालकर ताला लगा दिया. इसके बाद 5 डिब्बा देकर चले जाने को कहा और खुद उनके घर आकर अधूरी पूजा पूरी करने की बात कही. उसी दिन वे कोटा घर पंहुच गए और फोन किया, लेकिन मावजी ने बड़े गुरुजी के निम्बाहेड़ा में मौत हो जाना बताकर आने से मना कर दिया. इसके बाद कभी नवरात्रि तो कभी आजकल कहकर टालते रहे ओर फोन उठाना भी बंद कर दिया.

इसके बाद शक होने पर डिब्बा खोला तो देखा कि उसमें रखे 11 लाख रुपये भी गायब थे और कपड़े में कागज भरे हुए थे. इस पर दोनों खुद के साथ धोखाधड़ी होने की बात समझ गये. इस पर 9 अक्टूबर के दिन सागवाड़ा मावजी के घर पंहुचे तो वे उन्हें देखकर भाग गए. इसके बाद सागवाड़ा थाने में केस दर्ज करवाते हुए पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी. आज शनिवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

डूंगरपुर. तांत्रिक विद्या से रुपये डबल करने का झांसा देकर मुंबई और कोटा के 2 लोगों से 11 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक शातिर को सागवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. कोरोना काल में हुए घाटे से उबरने के लिए दोनों पीड़ित दोस्त तांत्रिक के झांसे में आ गए.

सागवाड़ा थानाधिकारी सुरेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि 11 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर आरोपी धनराज उर्फ ढगलाराम (54) पुत्र डूंगाराम मेघवाल निवासी सिरियारी जिला पाली हाल हिरणमगरी सेक्टर 14 पुलिस थाना सविना उदयपुर को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि उसके सहयोगी मावजी पुत्र मेघा ननोमा निवासी लक्षमणपुरा सागवाड़ा और अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है.

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10 अक्टूबर को आशीष जैन पुत्र स्वर्गीय सतीशचंद्र जैन निवासी भीमगंज मंडी कोटा ने सागवाड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया था. बताया था कि उसके दोस्त उन्मेष शेनवी पुत्र तुलसीराम शेनवी निवासी दत्तावाड़ी कलवा वेस्ट थाना मुंबई ने 3 साल पहले फोन पर बताया था कि सागवाड़ा राजस्थान मे मावजी नाम का व्यक्ति सिद्धियां जानता है और आर्थिक समस्याओं का निवारण करता है. इस पर आशीष और उसका दोस्त उन्मेष 2 सितंबर को सागवाड़ा आ गए और एक होटल में रुके.

दूसरे दिन भूपेश नाम का व्यक्ति उन्हें लेने आया तो वे उनके साथ मावजी के पास गए. जहां मावजी ने एक गुरुजी से मिलवाया. वहां से 2 व्यक्ति पहले से बैठे हुए थे, जिन्होंने खुद को महाराष्ट्र के पालघर का रहने वाला बताया. इसके बाद पास में बैठे दोनों लोगों ने 11 लाख रुपये गुरुजी को दिए जिसे बैग में रखकर एक डिब्बे में बंद कर दिए और ले जाने के लिए कहा. इसे देखकर वे भी उनके झांसे में आ गए.

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आशीष ने बताया कि उन्होंने रुपये डबल करने की विद्या के बारे में पूछा तो बोले कि लक्ष्मी से ही लक्ष्मी का आह्वान होता है. कोरोना में डेढ़ साल तक आर्थिक नुकसान होने के कारण दोनों इस घाटे से उबरने के झांसे में आ गए. 30 सितंबर को 11 लाख रुपये लेकर मावजी के पास गए, जहां गुरुजी ने राशि को डबल करने का झांसा देकर रुपए को एक लाल कपड़े में रखा, फिर डिब्बे में डालकर ताला लगा दिया. इसके बाद 5 डिब्बा देकर चले जाने को कहा और खुद उनके घर आकर अधूरी पूजा पूरी करने की बात कही. उसी दिन वे कोटा घर पंहुच गए और फोन किया, लेकिन मावजी ने बड़े गुरुजी के निम्बाहेड़ा में मौत हो जाना बताकर आने से मना कर दिया. इसके बाद कभी नवरात्रि तो कभी आजकल कहकर टालते रहे ओर फोन उठाना भी बंद कर दिया.

इसके बाद शक होने पर डिब्बा खोला तो देखा कि उसमें रखे 11 लाख रुपये भी गायब थे और कपड़े में कागज भरे हुए थे. इस पर दोनों खुद के साथ धोखाधड़ी होने की बात समझ गये. इस पर 9 अक्टूबर के दिन सागवाड़ा मावजी के घर पंहुचे तो वे उन्हें देखकर भाग गए. इसके बाद सागवाड़ा थाने में केस दर्ज करवाते हुए पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी. आज शनिवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

Last Updated : Oct 30, 2021, 9:47 PM IST
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