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पलायन किए मजदूरों को ग्रामीणों ने रोका, कहा- बिना स्क्रीनिंग नहीं करने देंगे गांव में प्रवेश

हैदराबाद और अन्य राज्यों में काम करने वाले मजदूर धौलपुर पहुंच गए हैं. लेकिन उनको ग्रामीणों ने गांव में घुसने से मना कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि मजदूर बिना मेडिकल चेकअप के गांव में नहीं आ सकते.

धौलपुर न्यूज, dholpur news
धौलपुर में करीब 500 मजदूरों का जत्था पहुंचा
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Published : Mar 29, 2020, 5:34 PM IST

धौलपुर. जिले के विभिन्न इलाकों के रहने वाले करीब 500 मजदूरों का दल हैदराबाद से पहुंच गया है. मजदूर राजाखेड़ा, धौलपुर, सैपऊ, बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा के रहने वाले हैं. जिन्हें ग्रामीणों ने गांव में नहीं घुसने दिया.

धौलपुर में करीब 500 मजदूरों का जत्था पहुंचा

ग्रामीणों द्वारा मजदूरों से समझाइश की गई कि पहले मेडिकल परीक्षण और स्क्रीनिंग कराओ, उसके बाद गांव में प्रवेश दिया जाएगा. लिहाजा मजदूरों की भीड़ जिला अस्पताल पहुंच गई. करीब 500 मजदूरों की भीड़ देख अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए.

मजदूरों के पास अस्पताल का पर्चा लेने के लिए पैसे नहीं होने पर जद्दोजहद भी देखी गई. मजदूरों की जिला अस्पताल पर पहुंची भीड़ की सूचना स्थानीय अस्पताल प्रबंधन ने जिला कलेक्टर को दी. कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों का निःशुल्क पर्चा काटा गया. सभी मजदूरों का मेडिकल स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराई गई. उसके बाद चिकित्सा विभाग ने सभी मजदूरों को होम आइसोलेट में रहने की सलाह दी है.

पढ़ें- Corona से जंग के बीच मेडिकल प्लेसमेंट और संविदाकर्मियों का छलका दर्द, कहा- ना मिल रहा बीमा और ना ही प्रोत्साहन राशि

गौरतलब है कि बीती रात और आज दिन में हैदराबाद से मजदूरी कर करीब 500 मजदूरों का दल धौलपुर जिले के विभिन्न इलाकों मैं पहुंच गया. सभी मजदूर हैदराबाद, केरल, विशाखापट्टनम शहर से मजदूरी कर धौलपुर पहुंचे हैं.

मजदूर जिले के बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा, सैंपऊ और राजाखेड़ा उपखंड के रहने वाले हैं. जैसे ही मजदूर शहर के गली मोहल्लों और गांव में घुसने लगे तो स्थानीय लोगों ने रोक दिया. इस दौरान लोगों से और मजदूरों से आपस में कहासुनी भी हुई.

पढ़ेंः लॉकडाउनः पलायन कर रहे मजदूरों के लिए बूंदी की सामाजिक संस्थाएं कर रही मदद

मामले की सूचना पाकर इलाके में तैनात निगरानी दल की टीम भी पहुंच गई. सभी मजदूरों से समझाइश कर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं मामले की सूचना अस्पताल प्रशासन ने जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल को दी. जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराई गई. मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर अस्पताल प्रशासन ने होम आइसोलेट में रहने की सलाह दी है.

उधर जिला कलेक्टर द्वारा लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि कोरोना संक्रमण से बचाव ही इसका उपचार है. लोग घरों में बंद रहे फिजूल में घरों से बाहर नहीं निकले, जिससे कोरोना महामारी से निजात मिल सके.

धौलपुर. जिले के विभिन्न इलाकों के रहने वाले करीब 500 मजदूरों का दल हैदराबाद से पहुंच गया है. मजदूर राजाखेड़ा, धौलपुर, सैपऊ, बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा के रहने वाले हैं. जिन्हें ग्रामीणों ने गांव में नहीं घुसने दिया.

धौलपुर में करीब 500 मजदूरों का जत्था पहुंचा

ग्रामीणों द्वारा मजदूरों से समझाइश की गई कि पहले मेडिकल परीक्षण और स्क्रीनिंग कराओ, उसके बाद गांव में प्रवेश दिया जाएगा. लिहाजा मजदूरों की भीड़ जिला अस्पताल पहुंच गई. करीब 500 मजदूरों की भीड़ देख अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पैर फूल गए.

मजदूरों के पास अस्पताल का पर्चा लेने के लिए पैसे नहीं होने पर जद्दोजहद भी देखी गई. मजदूरों की जिला अस्पताल पर पहुंची भीड़ की सूचना स्थानीय अस्पताल प्रबंधन ने जिला कलेक्टर को दी. कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों का निःशुल्क पर्चा काटा गया. सभी मजदूरों का मेडिकल स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराई गई. उसके बाद चिकित्सा विभाग ने सभी मजदूरों को होम आइसोलेट में रहने की सलाह दी है.

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गौरतलब है कि बीती रात और आज दिन में हैदराबाद से मजदूरी कर करीब 500 मजदूरों का दल धौलपुर जिले के विभिन्न इलाकों मैं पहुंच गया. सभी मजदूर हैदराबाद, केरल, विशाखापट्टनम शहर से मजदूरी कर धौलपुर पहुंचे हैं.

मजदूर जिले के बाड़ी, बसेड़ी, सरमथुरा, सैंपऊ और राजाखेड़ा उपखंड के रहने वाले हैं. जैसे ही मजदूर शहर के गली मोहल्लों और गांव में घुसने लगे तो स्थानीय लोगों ने रोक दिया. इस दौरान लोगों से और मजदूरों से आपस में कहासुनी भी हुई.

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मामले की सूचना पाकर इलाके में तैनात निगरानी दल की टीम भी पहुंच गई. सभी मजदूरों से समझाइश कर जिला अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं मामले की सूचना अस्पताल प्रशासन ने जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल को दी. जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद सभी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराई गई. मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर अस्पताल प्रशासन ने होम आइसोलेट में रहने की सलाह दी है.

उधर जिला कलेक्टर द्वारा लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि कोरोना संक्रमण से बचाव ही इसका उपचार है. लोग घरों में बंद रहे फिजूल में घरों से बाहर नहीं निकले, जिससे कोरोना महामारी से निजात मिल सके.

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