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बाघिन टी-117 तीन शावकों को दुलारती कैमरे में हुई कैद, एक माह पूर्व दी थी खुशखबरी - टाइगर और पैंथर्स में वर्चस्व की लड़ाई

धौलपुर के सरमथुरा डांग क्षेत्र में बाघिन-117 अपने तीन शावकों को दुलारती कैमरे में कैद हुई (Tigress T117 seen with cubs) है. वन विभाग के कैमरों में कैद ये तस्वीर मनमोहक लगती हैं.

Tigress T117 seen with cubs in Dholpur forest area
बाघिन टी-117 तीन शावकों को दुलारती कैमरे में हुई कैद, एक माह पूर्व दी थी खुशखबरी
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Published : May 15, 2023, 9:16 PM IST

धौलपुर. सरमथुरा के डांग क्षेत्र में बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग ने बाघिन के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए टाइगर वॉच कैमरे लगाए थे. बाघिन तीनों शावकों को दुलारते हुए कैमरों में कैद हुई है. बाघिन गुफा के बाहर पहरा देती देखी जा रही है. रात में पानी की तलाश में थोड़े समय के लिए वह जंगल में जाती है और वापस शावकों के पास पहुंच जाती है. बाघ टी-116 द्वारा भोजन का प्रबंध किया जाता है.

डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया विगत लंबे समय से टाइगर टी-116 एवं मादा टी-117 साथ में विचरण कर रहे हैं. दोनों जोड़े में अगाध प्रेम है. ये दोनों सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, दमोह, बाड़ी क्षेत्र के रामसागर, बसई डांग क्षेत्र के सोने का गुर्जा एवं वन विहार में विचरण करते रहते हैं. उन्होंने बताया एक माह पूर्व बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म दिया. बाघिन एवं शावकों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए टाइगर वॉच कैमरे लगाए गए थे.

पढ़ेंः Good News: बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को दिया जन्म, वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर

कैमरे में बाघिन टी-117 की मनमोहक तस्वीर कैद हुई है. बाघिन तीनों शावकों को बेहद प्यार और दुलार करती दिखाई दी है. बाघिन गुफा के अंदर तीनों बच्चों को रखती है. उन्होंने बताया बाघ टी-116 द्वारा दिन में भोजन का प्रबंध किया जाता है. उन्होंने बताया शावकों को खतरे से बचाने के लिए पैंथर, भालू समेत अन्य जानवरों पर भी बाघिन द्वारा नजर रखी जा रही है.

पढ़ेंः जिप्सी चालक ने बाघिन को उकसाया, फिर हलक में अटकी पर्यटकों की जान, देखें वीडियो

2021 में भी दो शावकों को दिया था जन्मः इससे पहले वर्ष 2021 में भी टी-117 ने दो शावकों को जन्म दिया था. जिले के डांग क्षेत्र एवं चंबल के बीहड़ों में टाइगरों का कुनबा लगातार बढ़ने से वन्यजीव प्रेमियों में भारी खुशी देखी जा रही है. उन्होंने बताया राज्य सरकार ने करौली-धौलपुर रिजर्व सेंचुरी एरिया बनाने की कवायद शुरू कर दी है. करौली और धौलपुर के जंगलों में लगातार टाइगरों का मूवमेंट बना रहता है. कभी-कभी टाइगर और पैंथर्स में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर फाइट भी हुई है. नवंबर 2022 में टाइगर ने वर्चस्व की लड़ाई में पैंथर का शिकार भी किया था.

पढ़ेंः Ranthambore National Park : बाघिन नूरी की अपनी बेटी से लड़ाई, ट्रेनिंग देते समय दोनों के बीच भिड़ंत हो गई

2 साल तक करेगी शावकों की देखभालः वन विभाग के डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि जन्म देने के बाद बाघिन 2 साल तक शावकों की देखभाल और परवरिश करती है. डेढ़ साल के बाद बच्चों को आपदा एवं मुसीबत के समय मुकाबला करने के करतब सिखाती है. सेल्फ डिफेंस सिखाने के बाद शावकों को 2 साल बाद स्वतंत्र तरीके से जंगल में छोड़ देती है.

धौलपुर. सरमथुरा के डांग क्षेत्र में बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग ने बाघिन के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए टाइगर वॉच कैमरे लगाए थे. बाघिन तीनों शावकों को दुलारते हुए कैमरों में कैद हुई है. बाघिन गुफा के बाहर पहरा देती देखी जा रही है. रात में पानी की तलाश में थोड़े समय के लिए वह जंगल में जाती है और वापस शावकों के पास पहुंच जाती है. बाघ टी-116 द्वारा भोजन का प्रबंध किया जाता है.

डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया विगत लंबे समय से टाइगर टी-116 एवं मादा टी-117 साथ में विचरण कर रहे हैं. दोनों जोड़े में अगाध प्रेम है. ये दोनों सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, दमोह, बाड़ी क्षेत्र के रामसागर, बसई डांग क्षेत्र के सोने का गुर्जा एवं वन विहार में विचरण करते रहते हैं. उन्होंने बताया एक माह पूर्व बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म दिया. बाघिन एवं शावकों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए टाइगर वॉच कैमरे लगाए गए थे.

पढ़ेंः Good News: बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को दिया जन्म, वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर

कैमरे में बाघिन टी-117 की मनमोहक तस्वीर कैद हुई है. बाघिन तीनों शावकों को बेहद प्यार और दुलार करती दिखाई दी है. बाघिन गुफा के अंदर तीनों बच्चों को रखती है. उन्होंने बताया बाघ टी-116 द्वारा दिन में भोजन का प्रबंध किया जाता है. उन्होंने बताया शावकों को खतरे से बचाने के लिए पैंथर, भालू समेत अन्य जानवरों पर भी बाघिन द्वारा नजर रखी जा रही है.

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2021 में भी दो शावकों को दिया था जन्मः इससे पहले वर्ष 2021 में भी टी-117 ने दो शावकों को जन्म दिया था. जिले के डांग क्षेत्र एवं चंबल के बीहड़ों में टाइगरों का कुनबा लगातार बढ़ने से वन्यजीव प्रेमियों में भारी खुशी देखी जा रही है. उन्होंने बताया राज्य सरकार ने करौली-धौलपुर रिजर्व सेंचुरी एरिया बनाने की कवायद शुरू कर दी है. करौली और धौलपुर के जंगलों में लगातार टाइगरों का मूवमेंट बना रहता है. कभी-कभी टाइगर और पैंथर्स में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर फाइट भी हुई है. नवंबर 2022 में टाइगर ने वर्चस्व की लड़ाई में पैंथर का शिकार भी किया था.

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2 साल तक करेगी शावकों की देखभालः वन विभाग के डीएफओ किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि जन्म देने के बाद बाघिन 2 साल तक शावकों की देखभाल और परवरिश करती है. डेढ़ साल के बाद बच्चों को आपदा एवं मुसीबत के समय मुकाबला करने के करतब सिखाती है. सेल्फ डिफेंस सिखाने के बाद शावकों को 2 साल बाद स्वतंत्र तरीके से जंगल में छोड़ देती है.

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