धौलपुर. जिले में नगर परिषद् द्वारा संचालित रैन बसेरे में अव्यवस्थाओं के कारण खाली पड़े हैं. रैन बसेरों में व्याप्त गन्दी और गंदे बिस्तरों में लोगों को कड़ाके की सर्दी में शरण नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत रियलिटी चेक के लिए शहर के मचकुण्ड रोड स्थिति रैन बसेरे पहुंचा और हालतों का जायजा लिया. लेकिन मौके की तस्वीरें देख याकिन नहीं हो रहा था. पूरे रैन बसेरे में संन्नाटा बसरा था. हमें यहां सिर्फ एक ही मुसाफिर मिला. इसके बारे में हमें बताया गया क्योंकि यह रैन बसेरा सुनसान और जंगल में है इसलिए यहां पर गरीब और असहाय लोग नहीं पहुंच रहे हैं. हलांकि यहां व्यवस्था लगभग ठीक थी.
इसके बाद हमने रुख किया जिला अस्पताल के पास स्थिति महिला रैन बसेरे का जहां अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ था. यहां पर हमें एक भी मुसाफिर ठहरा हुआ नहीं मिला. अगर कुछ मिला था गंदे बिस्तर, फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं का अंबार. शौचालय का दरबाजा टूटा हुआ और बाहर मल पड़ा हुआ मिला. तस्वीरें ऐसी थी मानों यहां महीनों से सफाई नहीं हुई हो. यहां ना तो शुद्ध पानी की व्यवस्था थी और ना ही किसी तरह की मेडिकल किट हमें उपलब्ध मिली.
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यानि ही हमारी पड़ताल में जिला नगर-परिषद द्वारा किए गए सारे दावे फेल निकले. जिले में नगर परिषद द्वारा तीन रैन बसेरा चलाए जा रही हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां कोई नहीं जाता. लोग कड़ाके की ठंड में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और सड़कों में गरीब और मुसाफिर मिल मिल जाते हैं लेकिन इन रैन बसेरों का रुख नहीं करते. यानि की हमारी पड़ताल में जिले में संचालित रैन बसेरों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के सारे दावे फेल निकले.