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कैसा है 'रैन' में बसेरा: धौलपुर में गंदे बिस्तर और गंदगी के बीच सुविधाएं देने का दावा

प्रदेश में बढ़ती ठंड को देखते हुए रैन बसेरों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत ने धौलपुर में रियलिटी चेक किया. हमारी टीम ने रैन बसेरों का जायजा लिया. जहां रैन बसेरों में पहुंचने वालों लोगों को गंदे बिस्तर और अव्यवस्थाओं के बीच शरण देने का दावा किया जा रहा है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट

night shelters, रैन बसेरा
धौलपुर में गंदे बिस्तर और गंदगी के बीच सुविधाएं देने का दावा.
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Published : Dec 18, 2019, 7:41 PM IST

धौलपुर. जिले में नगर परिषद् द्वारा संचालित रैन बसेरे में अव्यवस्थाओं के कारण खाली पड़े हैं. रैन बसेरों में व्याप्त गन्दी और गंदे बिस्तरों में लोगों को कड़ाके की सर्दी में शरण नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत रियलिटी चेक के लिए शहर के मचकुण्ड रोड स्थिति रैन बसेरे पहुंचा और हालतों का जायजा लिया. लेकिन मौके की तस्वीरें देख याकिन नहीं हो रहा था. पूरे रैन बसेरे में संन्नाटा बसरा था. हमें यहां सिर्फ एक ही मुसाफिर मिला. इसके बारे में हमें बताया गया क्योंकि यह रैन बसेरा सुनसान और जंगल में है इसलिए यहां पर गरीब और असहाय लोग नहीं पहुंच रहे हैं. हलांकि यहां व्यवस्था लगभग ठीक थी.

धौलपुर में गंदे बिस्तर और गंदगी के बीच सुविधाएं देने का दावा.

इसके बाद हमने रुख किया जिला अस्पताल के पास स्थिति महिला रैन बसेरे का जहां अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ था. यहां पर हमें एक भी मुसाफिर ठहरा हुआ नहीं मिला. अगर कुछ मिला था गंदे बिस्तर, फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं का अंबार. शौचालय का दरबाजा टूटा हुआ और बाहर मल पड़ा हुआ मिला. तस्वीरें ऐसी थी मानों यहां महीनों से सफाई नहीं हुई हो. यहां ना तो शुद्ध पानी की व्यवस्था थी और ना ही किसी तरह की मेडिकल किट हमें उपलब्ध मिली.

ये भी पढ़ें: Bomb ब्लास्ट: 13 आतंकी, तीन फरार 3 जेल में और 5 के खिलाफ फैसला आज, 2 का हो चुका एनकाउंटर

यानि ही हमारी पड़ताल में जिला नगर-परिषद द्वारा किए गए सारे दावे फेल निकले. जिले में नगर परिषद द्वारा तीन रैन बसेरा चलाए जा रही हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां कोई नहीं जाता. लोग कड़ाके की ठंड में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और सड़कों में गरीब और मुसाफिर मिल मिल जाते हैं लेकिन इन रैन बसेरों का रुख नहीं करते. यानि की हमारी पड़ताल में जिले में संचालित रैन बसेरों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के सारे दावे फेल निकले.

धौलपुर. जिले में नगर परिषद् द्वारा संचालित रैन बसेरे में अव्यवस्थाओं के कारण खाली पड़े हैं. रैन बसेरों में व्याप्त गन्दी और गंदे बिस्तरों में लोगों को कड़ाके की सर्दी में शरण नहीं मिल रही है. ईटीवी भारत रियलिटी चेक के लिए शहर के मचकुण्ड रोड स्थिति रैन बसेरे पहुंचा और हालतों का जायजा लिया. लेकिन मौके की तस्वीरें देख याकिन नहीं हो रहा था. पूरे रैन बसेरे में संन्नाटा बसरा था. हमें यहां सिर्फ एक ही मुसाफिर मिला. इसके बारे में हमें बताया गया क्योंकि यह रैन बसेरा सुनसान और जंगल में है इसलिए यहां पर गरीब और असहाय लोग नहीं पहुंच रहे हैं. हलांकि यहां व्यवस्था लगभग ठीक थी.

धौलपुर में गंदे बिस्तर और गंदगी के बीच सुविधाएं देने का दावा.

इसके बाद हमने रुख किया जिला अस्पताल के पास स्थिति महिला रैन बसेरे का जहां अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ था. यहां पर हमें एक भी मुसाफिर ठहरा हुआ नहीं मिला. अगर कुछ मिला था गंदे बिस्तर, फैली गंदगी और अव्यवस्थाओं का अंबार. शौचालय का दरबाजा टूटा हुआ और बाहर मल पड़ा हुआ मिला. तस्वीरें ऐसी थी मानों यहां महीनों से सफाई नहीं हुई हो. यहां ना तो शुद्ध पानी की व्यवस्था थी और ना ही किसी तरह की मेडिकल किट हमें उपलब्ध मिली.

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यानि ही हमारी पड़ताल में जिला नगर-परिषद द्वारा किए गए सारे दावे फेल निकले. जिले में नगर परिषद द्वारा तीन रैन बसेरा चलाए जा रही हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां कोई नहीं जाता. लोग कड़ाके की ठंड में रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और सड़कों में गरीब और मुसाफिर मिल मिल जाते हैं लेकिन इन रैन बसेरों का रुख नहीं करते. यानि की हमारी पड़ताल में जिले में संचालित रैन बसेरों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के सारे दावे फेल निकले.

Intro:धौलपुर जिले में नगर परिषद् द्वारा संचालित रेन बसेरे अवयब्स्थाओं के कारण खाली पड़े है। रेन बसेरों में व्याप्त गन्दी एवं स्तरहीन बिस्तरों में लोगों को कड़ाके की सर्दी में शरण नहीं मिल रही है। लिहाजा लोगों को मजबूरी में रेलवे स्टेशन बस स्टेण्ड की प्रतीक्षालय में रात गुजारनी पड़ती है। जिससे नगर परिषद् के रेन बसेरों की पोल खुलकर सामने आ रही है। 





Body:ईटीवी भारत की टीम ने आज बीती रात शहर के मचकुण्ड रोड स्थिति रेन बसेरे का दौरा कर  हालातों का जायजा लिया तो सिर्फ एक ही मुसाफिर पाया गया। सुनसान एवं जंगल में होने से रेन बसेरे में गरीब असहाय लोग नहीं पहुंच रहे है। हालाँकि इस रेन बसेरों में व्यबस्थायें लगभग ठीक पाई गई। लेकिन जिला अस्पताल केपास स्थिति रेन बसेरे का हाल देखा तो अवयब्स्थाओं का अम्बार लगा हुआ था। रेन बरसे के अंदर कोई भी मुसाफिर नहीं था। बिस्तर गंदगी से युक्त पाए गए। रजाई के ऊपर कबर नहीं दिखाई दिए। हाल में चौतरफा गंदगी पसरी हुई थी। शौंचालय के बाहर मल पड़ा हुआ मिला। वही सोचालय की स्थिति काफी नाजुक पाई गई। सोचालय में गंदगी का आलम पसरा हुआ था। महीनो से सफाई नहीं कराइ गई। महिला रेन बसेरे के हालत बेहद शर्मनाक पाए गए। शौंचालय के दरबाजे ही टूटे हुए पाए गए। जिला अस्पताल के पास संचालित रेन बसेरे में पानी की व्यबस्था नहीं पाई गई। मेडिकल किट का भी अभाव था। उसके अलावा गंदगी और दर्गन्ध से अंदर जाने में भी भारी परेशानी हो रही थी। 

रेन बसेरों में गंदगी होने से आमजन हुई ले रहा आश्रय 

धौलपुर शहर में तीन रेन बसेरे नगर परिषद् द्वारा संचालित किये जाते है। जिनमे मचकुण्ड रोड स्थिति रेन बसेरा सुनसान एवं जंगल में होने पर लोगन नहीं पहुंचते है। जिससे यह रेन बसेरा हमेशा खाली बना रहता है। वही जिला अस्पताल के ोपास मौजूद रेन बसेरे में भारी गंदगी के साथ सुबिधाओं का अभाव होने पर लोग नहीं पहुंचते है। जिससे आमजन को राहत देने वाले रेन बसेरों की पोल खुलकर सामने आ रही है। 






Conclusion:उधर रेन बसेरा संचालक ने रामकरण सिंह गुर्जर ने बताया नगर परिषद् विभाग द्वारा जैसी सुबिधा दी जा।  उसी के मुताबिक़ लोगों को सुबिधायें दी जा रही है। गंदगी के लिए स्वक्ष अभियान चलान चाहिए। 
1,Byte:- रोशनलाल,मुसाफिर
2,Byte:- सुनील कुमार,स्थानीय नागरिक
3,Byte:- रामकरण गुर्जर,रेन बसेरा संचालक
Report:-
Neeraj Sharma
Dholpur
सर रेन बसेरा की स्पेशल स्टोरी सेवा में सादर प्रेषित है
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