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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे धौलपुर एसपी की फिर बढ़ सकती है मुश्किलें, विधि मंत्री ने फाइल की तलब

धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर एक बार फिर विवादों में घिरे आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है. अजय सिंह की नो अपील फाइल को विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने तलब कर लिया है.

धौलपुर एसपी की बढ़ सकती है मुश्किलें
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Published : Jul 5, 2019, 7:27 PM IST

जयपुर. धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर सीओ सिटी दिनेश शर्मा के आरोपों में घिरे पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की मुश्किल है एक बार फिर अपने पुराने मामले को लेकर भी बढ़ सकती है. अदालत ने भ्रष्टाचार के पुराने मामले में अजय सिंह को बरी कर दिया था. लेकिन, इस पूरे मामले में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है.

एसीबी इस मामले में अपील करना चाहती थी. लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश जारी कर आईपीएस अजय सिंह को बड़ी राहत दी थी. लेकिन जिस तरीके से पिछले दिनों धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर विवादों में आने के बाद अब सरकार अपने ही आदेश पर पुनर्विचार कर रही है. इसके लिए विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने अजय सिंह की फाइल को तलब कर लिया है.

दरअसल, धौलपुर एसपी अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे. मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी. अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था. उसके बाद एसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी. लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश को जारी कर दिया. मामला चर्चा में आने के साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और फाइल पुनर्विचार के लिए मंगवा ली है.

धौलपुर एसपी की बढ़ सकती है मुश्किलें

वहीं धौलपुर में दोनों पुलिस अधिकारियों के बीच चल रहे अवैध खनन के आरोप प्रत्यारोप के बीच पूरे मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गंभीर मानते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और डीजीपी भूपेंद्र यादव को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली. आपको बता दें कि धौलपुर में एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच अवैध बजरी खनन कराने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर सुर्खियां बना हुआ है. जिसकी जांच के लिए 1 दिन पहले ही सरकार ने जांच कमेटी बनाई थी.

2012 में रिश्वत के आरोपों में गिरफ्तार हुए आईपीएस अजय सिंह को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के वक्त पोस्टिंग नहीं मिली थी. लेकिन जैसे सरकार बदली उन्हें फील्ड पोस्टिंग दे दी गई. लेकिन जिस तरह से अवैध बजरी खनन के मामले पर अपने ही अधीनस्थ पुलिस अधिकारी के आरोपों में घिरने के बाद विवादों आये आईपीएस अजय सिंह के पुराने पुराने रिकॉर्ड को भी सरकार ने खंगालना शुरू कर दिया है. ऐसे में आईपीएस अजय सिंह के लिए आने वाले दिन मुश्किलों भरे हो सकते है.

राजस्थान के 38 आईपीएस अफसरों के तबादले
वहीं बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर 38 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए है. इनमें 13 जिलों के पुलिस अधक्षीकों को बदला गया. वहीं इस लिस्ट में जो खास बात ये रही कि लगातार बजरी खनन पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे धौलपुर एसपी अजय सिंह का तबादला नई दिल्ली में कमांडेंट, आरएसी 12 वीं बटालियन में किया गया है.

जयपुर. धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर सीओ सिटी दिनेश शर्मा के आरोपों में घिरे पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की मुश्किल है एक बार फिर अपने पुराने मामले को लेकर भी बढ़ सकती है. अदालत ने भ्रष्टाचार के पुराने मामले में अजय सिंह को बरी कर दिया था. लेकिन, इस पूरे मामले में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है.

एसीबी इस मामले में अपील करना चाहती थी. लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश जारी कर आईपीएस अजय सिंह को बड़ी राहत दी थी. लेकिन जिस तरीके से पिछले दिनों धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर विवादों में आने के बाद अब सरकार अपने ही आदेश पर पुनर्विचार कर रही है. इसके लिए विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने अजय सिंह की फाइल को तलब कर लिया है.

दरअसल, धौलपुर एसपी अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे. मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी. अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था. उसके बाद एसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी. लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश को जारी कर दिया. मामला चर्चा में आने के साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और फाइल पुनर्विचार के लिए मंगवा ली है.

धौलपुर एसपी की बढ़ सकती है मुश्किलें

वहीं धौलपुर में दोनों पुलिस अधिकारियों के बीच चल रहे अवैध खनन के आरोप प्रत्यारोप के बीच पूरे मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गंभीर मानते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और डीजीपी भूपेंद्र यादव को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली. आपको बता दें कि धौलपुर में एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच अवैध बजरी खनन कराने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर सुर्खियां बना हुआ है. जिसकी जांच के लिए 1 दिन पहले ही सरकार ने जांच कमेटी बनाई थी.

2012 में रिश्वत के आरोपों में गिरफ्तार हुए आईपीएस अजय सिंह को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के वक्त पोस्टिंग नहीं मिली थी. लेकिन जैसे सरकार बदली उन्हें फील्ड पोस्टिंग दे दी गई. लेकिन जिस तरह से अवैध बजरी खनन के मामले पर अपने ही अधीनस्थ पुलिस अधिकारी के आरोपों में घिरने के बाद विवादों आये आईपीएस अजय सिंह के पुराने पुराने रिकॉर्ड को भी सरकार ने खंगालना शुरू कर दिया है. ऐसे में आईपीएस अजय सिंह के लिए आने वाले दिन मुश्किलों भरे हो सकते है.

राजस्थान के 38 आईपीएस अफसरों के तबादले
वहीं बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर 38 आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर कर दिए है. इनमें 13 जिलों के पुलिस अधक्षीकों को बदला गया. वहीं इस लिस्ट में जो खास बात ये रही कि लगातार बजरी खनन पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे धौलपुर एसपी अजय सिंह का तबादला नई दिल्ली में कमांडेंट, आरएसी 12 वीं बटालियन में किया गया है.

Intro:
जयपुर

धौलपुर एसपी की बढ़ सकती है मुश्किलें , 2012 के रिश्वत मामले में फिर हो सकती अपील , विधि मंत्री की फाइल तलब

एंकर:- धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर एक बार फिर विवादों में घिरे आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है अजय सिंह की नो अपील फाइल को विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने तलब कर लिया है ।


Body:VO:- फूलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर सीओ सिटी दिनेश शर्मा के आरोपों में घिरे पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की मुश्किल है एक बार फिर अपने पुराने मामले को लेकर भी बढ़ सकती है अदालत ने भ्रष्टाचार के पुराने मामले में अजय सिंह को बरी कर दिया था लेकिन इस पूरे मामले में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है , ऐसीबी इस मामले में अपील करना चाहती थी लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश जारी कर आईपीएस अजय सिंह को बड़ी राहत दी थी , लेकिन जिस तरीके से पिछले दिनों धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर विवादों में आने के बाद अब सरकार अपने ही आदेश पर पुनर्विचार कर रही है , इसके लिए विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने अजय सिंह की फाइल को तलब कर लिया है , दरअसल धौलपुर एसपी अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था , उसके बाद ऐसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश को जारी कर दिया , मामला चर्चा में आने के साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और फाइल पुनर्विचार के लिए मंगवा ली है , वही धौलपुर में दोनों पुलिस अधिकारियों के बीच चल रहे अवैध खनन के आरोप प्रत्यारोप के बीच पूरे मामले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी गंभीर मानते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और डीजीपी भूपेंद्र यादव को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली आपको बता दें कि धौलपुर में एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच अवैध बजरी खनन कराने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर सुर्खियां बना हुआ है , किस की जांच के लिए 1 दिन पहले ही सरकार ने जांच कमेटी बनाई थी ।


Conclusion:VO:- 2012 में रिश्वत के आरोपों में गिरफ्तार हुए आईपीएस अजय सिंह को पूर्ववर्ती बसपा सरकार के वक्त पोस्टिंग नहीं मिली थी , लेकिन जैसे सरकार बफली उन्हें फील्ड पोस्टिंग दे दी गई , लेकिन जिस तरहं से अवैध बजरी खनन के मामले पर अपने ही अधीनस्थ पुलिस अधिकारी के आरोपों में घिरने के बाद विवादों आये आईपीएस अजय सिंह के पुराने पुराने रिकॉर्ड को भी सरकार ने खंगालना शुरू कर दिया है , ऐसे में आईपीएस अजय सिंह के लिए आने वाले दिन मुश्किलों भरे हो सकते है ।
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