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धौलपुर: क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, घटिया स्तर का खाना खाने को मजबूर - corona patients in dholpur

धौलपुर में जिस तरह से कोरोना रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. उसे देखते हुए जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. बाड़ी उपखंड इलाके के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदहाली का आलम पसरा हुआ है. 28 रोगियों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया है. लेकिन प्रशासन और विभाग की अनदेखी के चलते भर्ती मरीजों का हाल-बेहाल बना हुआ है.

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धौलपुर में बदहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर
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Published : Jun 19, 2020, 4:27 PM IST

धौलपुर. जिले में पिछले एक हफ्ते से लगातार कोरोना रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना संक्रमण जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार फैल रहा है. शुक्रवार को पांच नए कोरोना संक्रमित रोगी मिलने से जिले में रोगियों का आंकड़ा बढ़कर 249 पहुंच गया है, जिससे जिला प्रशासन सहित चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

वैसे ही जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के इंतजाम भी नाकाफी साबित होते जा रहे हैं. वहीं बाड़ी उपखंड में कोरोना पॉजिटिवों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हांसई में राज्य सरकार द्वारा दिए गए मीनू की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए संबंधित संस्था द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है. रोगियों को बहुत ही निम्न स्तर का और घटिया खाना उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे भोजन उपलब्ध करवा रही संस्था के साथ चिकित्सालय की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

धौलपुर में बदहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर

यह भी पढ़ेंः धौलपुर : COVID-19 नियमों की पालना के साथ 12वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू, परीक्षा केंद्रों पर चिकित्सा टीम तैनात

क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती मरीजों को बहुत ही निम्न स्तर का और घटिया खाना व नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है. देखभाल करने के लिए भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है. हालांकि कुछ चिकित्सा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती रोगियों ने बताया कि संस्था द्वारा ना तो उन्हें मीनू की गाइडलाइन के मुताबिक पीने के लिए शुद्ध पानी, सुबह चाय के साथ नाश्ता, दोपहर को पौष्टिक भोजन और ड्राई फूड आदि नहीं दिए जा रहे हैं. जबकि एक रोगी पर खर्च के लिए संस्था को सरकार द्वारा भारी रकम दी जा रही है. लेकिन संबंधित संस्था द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों को बेहद घटिया किस्म का खाना उपलब्ध कराया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर में CORONA के 26 नए मामले आए सामने, कुल आंकड़ा पुहंचा 213 पर

रोगियों ने संस्था पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस खाने को कई बार कुत्तों को डाला गया. वे भी खाने को सूंघकर भाग जाते हैं. वहीं पानी की बात की जाए तो शुद्ध पानी तो दूर की बात रही. इनको घड़े का पानी भी नसीब नहीं है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में करीब 28 रोगियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. 28 रोगियों के बीच संस्था ने महज चार पांच घड़े उपलब्ध करवाए हैं, जिनको ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा कर्मियों ने मरीजों की तादाद को देखते हुए अपने पास ही रख लिया है. विद्यालय में लगी टंकी का गर्म पानी पीने को मजबूर हैं. इसे लेकर शुक्रवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कोरोना रोगियों में भारी आक्रोश देखा गया. उधर, जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के बेहतरीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के दावों की पोल खुल रही है.

धौलपुर. जिले में पिछले एक हफ्ते से लगातार कोरोना रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना संक्रमण जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार फैल रहा है. शुक्रवार को पांच नए कोरोना संक्रमित रोगी मिलने से जिले में रोगियों का आंकड़ा बढ़कर 249 पहुंच गया है, जिससे जिला प्रशासन सहित चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.

वैसे ही जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के इंतजाम भी नाकाफी साबित होते जा रहे हैं. वहीं बाड़ी उपखंड में कोरोना पॉजिटिवों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हांसई में राज्य सरकार द्वारा दिए गए मीनू की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए संबंधित संस्था द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है. रोगियों को बहुत ही निम्न स्तर का और घटिया खाना उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे भोजन उपलब्ध करवा रही संस्था के साथ चिकित्सालय की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.

धौलपुर में बदहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर

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क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती मरीजों को बहुत ही निम्न स्तर का और घटिया खाना व नाश्ता उपलब्ध कराया जा रहा है. देखभाल करने के लिए भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है. हालांकि कुछ चिकित्सा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती रोगियों ने बताया कि संस्था द्वारा ना तो उन्हें मीनू की गाइडलाइन के मुताबिक पीने के लिए शुद्ध पानी, सुबह चाय के साथ नाश्ता, दोपहर को पौष्टिक भोजन और ड्राई फूड आदि नहीं दिए जा रहे हैं. जबकि एक रोगी पर खर्च के लिए संस्था को सरकार द्वारा भारी रकम दी जा रही है. लेकिन संबंधित संस्था द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों को बेहद घटिया किस्म का खाना उपलब्ध कराया जा रहा है.

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रोगियों ने संस्था पर आरोप लगाते हुए बताया कि इस खाने को कई बार कुत्तों को डाला गया. वे भी खाने को सूंघकर भाग जाते हैं. वहीं पानी की बात की जाए तो शुद्ध पानी तो दूर की बात रही. इनको घड़े का पानी भी नसीब नहीं है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में करीब 28 रोगियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. 28 रोगियों के बीच संस्था ने महज चार पांच घड़े उपलब्ध करवाए हैं, जिनको ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा कर्मियों ने मरीजों की तादाद को देखते हुए अपने पास ही रख लिया है. विद्यालय में लगी टंकी का गर्म पानी पीने को मजबूर हैं. इसे लेकर शुक्रवार को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कोरोना रोगियों में भारी आक्रोश देखा गया. उधर, जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के बेहतरीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के दावों की पोल खुल रही है.

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