धौलपुर. जिले में रविवार को गंगा दशहरा का पर्व (festival of ganga dussehra) श्रद्धालुओं ने आस्था और श्रद्धा पूर्वक मनाया. जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड (Historical Tirtharaj Machkund) पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का आवागमन देखा गया. हालांकि कोविड-19 (COVID-19) के कारण धार्मिक स्थलों और सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था पर इसका कम असर देखा गया. जहां श्रद्धालुओं ने सुबह से ही तीर्थराज मचकुंड के सरोवर पर श्रद्धालुओं ने आस्था पूर्वक स्नान किया. विधि विधान से पूजा-अर्चना कर दान पुण्य किया. भगवान की आरती उतारकर सुख समृद्धि एवं मोक्ष की कामना की.
बता दें हिंदू धर्म में गंगा दशहरा (ganga dussehra) का विशेष महत्व होता है. गंगा दशहरा के दिन विधि विधान से मां गंगा की पूजा अर्चना की जाती है. हर साल जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक इस दिन मां गंगा मैया स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थी. मां गंगा के आशीर्वाद से मानव जाति के समूचे पापों का विनाश होता है.
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मां गंगा को पृथ्वी पर लाने का श्रेय राजा भागीरथ (king bhagirath) को जाता है. भगवान भोलेनाथ की जटाओं में विराजमान रहने वाली मां गंगा समस्त मानव जाति का उद्धार करती है. गंगा दशहरा के दिन पुनीत पावन गंगा नदी में स्नान करने संपूर्ण पापों का विनाश होता है. जिसके बाद आज गंगा दशहरा के दिन शहर भर में श्रद्धालुओं में भारी आस्था और उमंग देखी गई. हालांकि अधिकांश श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना की है. सनातन धर्म के लोगों ने दान पुण्य कर पुण्य प्राप्त किया है.