धौलपुर. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश (Mohan Prakash Dholpur visit) ने रविवार को धौलपुर दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर महंगाई (target bjp on inflation) को लेकर जमकर निशाना साधा है. मोहन प्रकाश ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनकर मजहब और धर्म के नाम पर राजनीति करने के गंभीर आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश को खोखला कर रही है और भाजपा की जन विरोधी नीतियों की वजह से आमजन त्रस्त हैं. महंगाई और बेरोजगारी की दर देश में बढ़ रही है.राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा नेता राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनकर देश को खोखला कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने अपने पूंजीपति मित्रों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए सरकार ने जिनके पेट्रोल पंप बंद करवा दिए थे. आज वह मोदी सरकार के संरक्षण में तेल बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार सार्वजनिक इकाइयों को बेचने का काम कर रही है. हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, एलआईसी, राष्ट्रीय धरोहरों को सरकार की ओर से बेचा जा रहा है. केंद्र सरकार (target central govrnment) में न तो गंभीरता है, न गहराई है और न ही कोई सोच है.
यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार तेल की कीमतों के निर्धारण का काम शुरू किया था. मोदी सरकार कीमतों में कमी के बावजूद देशवासियों से बढ़ी हुई कीमतें वसूल रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय जब सिलेंडर 400 रुपये का था तब महंगाई डायन थी और अब सिलेंडर एक हजार का है तो अब महंगाई भौजाई हो गई. राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि 700 से अधिक किसानों के मर जाने के बाद मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है.
एमएसपी पर सरकार कानून नहीं बना रही है. मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए यह कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि बेलगाम महंगाई से देशवासियों का जीना बेहाल कर दिया है. मोदी सरकार को देश की जनता अच्छे से समझ चुकी है. अब इनके झांसे में आने वाली नहीं है.अगले चुनाव में इनका सूपड़ा साफ होना तय है. महंगाई से जनता त्राहिमाम कर रही है लेकिन केंद्र सरकार महंगाई कम करने को लेकर कुछ नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि महंगाई की जिम्मेदारी लेते हुए केंद्र सरकार को जनता के आगे झुकना होगा.
आज खाद्य तेल, सीमेंट, लोहे के दाम, पेट्रोलियम पदार्थों आमजन की जरूरत की वस्तुएं आसमान छू रही हैं. केंद्र सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और उन्हें लूट की खुली छूट दे रखी है.