धौलपुर. पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए धौलपुर के भागीरथ की मूर्ति का अनावरण उनकी प्रथम बरसी पर शहीद स्मारक किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल, पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा सहित सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद रहे.
शहीद भागीरथ स्मारक पर मूर्ति का अनावरण होने के बाद उनके परिजनों की आंखों से आंसू झलक पड़े. इस अवसर पर परिजनों ने कहा कि भागीरथ एक वर्ष होने से पहले ही सरकार और प्रशासन ने उपेक्षित कर दिया है. शहीद के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक फाउंडेशन ने तत्कालीन समय में आर्थिक मदद और बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने की घोषण की थी. लेकिन, ये घोषण तक ही सीमित रह गई.
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उन्होंने कहा, कि शहीद के स्मारक और मूर्ति का निर्माण निजी खर्चे पर कराया गया है. सरकार और प्रशसन की तरफ से आर्थिक मदद नहीं दी है, जिससे परिजनों में आक्रोश देखा जा रहा है. परिजनों ने बताया जयपुर में फ्लैट देने की घोषण भी की गई थी. लेकिन, सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया है.
वहीं शहीद भागीरथ के नाम पर पैट्रोल पम्प और गैस एजेंसी भी देने की घोषण की गई थी, जिसे पूरा नहीं किया गया है. साथ ही शहीद के नाम पर स्कूल अस्पताल का भी नामांतरण नहीं किया गया है, जिससे परिजनों में प्रशासन और सरकार को लेकर रोष व्याप्त है.
शहीद भागीरथ की पत्नी रंजना ने बताया, कि तत्कालीन समय पर सरकार ने भागीरथ के नाम से स्कूल खोलने की घोषणा की थी, लेकिन वह सिर्फ घोषणा तक ही सीमित रह गई. उसके अलावा शहीद भागीरथ के नाम का स्मारक बनाया है. जिसके लिए प्रशासनिक तौर पर अनुदान नहीं दिया गया है, जिसे 14 फरवरी 2020 को स्मारक स्थल पर स्थापित किया जायेगा.
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बता दें, कि शहीद भागीरथ के तीन बच्चे हैं, जिनमें बेटा विनय 3 वर्ष, शिवांगी ढाई वर्ष और भागीरथ की शहादत के बाद जन्मी बेटी कामिनी 3 माह है. बच्चों की परिवरिश की जिम्मेदारी रंजना पर है. गांव से 20 किलोमीटर दूर राजाखेड़ा कस्बे में बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा जाता है. इस अवसर पर शहीद के भाई बलबीर सिंह ने बताया कि भागीरथ के शहीद होने के बाद परिवार टूट चुका है. लेकिन, देश के लिए भाई ने शहादत दी है, जिस पर पूरे परिवार को फक्र है.
शुक्रवार को शहीद भागीरथ की मूर्ति का अनावरण स्मारक पर परिजनों की मौजूदगी में जिला प्रशासन ने कराया. इस अवसर पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण भी मौजूद रहे और शहीद के नाम के जयकारे लगाए गए.