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धौलपुर में BSP का प्रदर्शन, गहलोत सरकार पर दलित समाज के खिलाफ शोषण एवं अत्याचार का लगाया आरोप - दलित आंदोलन

धौलपुर में शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने एकीकृत पार्क में सभा कर सांकेतिक धरना दिया. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे.

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धौलपुर में दलित समाज का प्रदर्शन
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Published : Apr 3, 2021, 4:38 AM IST

धौलपुर. बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी और नेताओं ने शनिवार को एकीकृत पार्क में बैठक कर राज्य सरकार के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया. बैठक के बाद बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को तीन सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दलित अत्याचार रोकने के साथ 2 अप्रैल 2018 को एससी-एसटी के युवाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की है.

धौलपुर में दलित समाज का प्रदर्शन

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमर सिंह बंशीवाल ने बताया, राज्यपाल के नाम कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से दलित समाज ने तीन सूत्री मांगों को रखा है. प्रदेश में सबसे अधिक दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार प्रभावी एवं सख्त कदम उठाए. इसके अलावा 2 अप्रैल 2018 को एससी-एसटी एक्ट के विरोध में राज्य सरकार ने दलित समाज के लोगों पर मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्हें सरकार को वापस लेना चाहिएच.

यह भी पढ़ें: अंबेडकर सर्किल से रैली के रूप में निकले BSP कार्यकर्ता, गहलोत सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

वहीं अन्य प्रदेशों से राजस्थान प्रदेश में शादी होकर आ रही युवती एवं महिलाओं को आरक्षण का लाभ राज्य सरकार को देना चाहिए. उन्होंने बताया राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित कर इन तीन प्रमुख मांगों को रखा है. राजस्थान प्रदेश में राज्य सरकार की कार्यशैली के खिलाफ दलित समाज में आक्रोश है. उन्होंने कहा राजस्थान प्रदेश का दलित समाज शोषण एवं अत्याचार को सहन नहीं करेगा.

यह भी पढ़ें: झालावाड़: बसपा ने गहलोत सरकार के खिलाफ 3 सूत्री मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तीनों मांगों को शीघ्र लागू करने की मांग की है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार ने दलित युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए एवं 2 अप्रैल 2018 के आंदोलन के दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो दलित समाज सरकार का घेराव कर आंदोलन करेगा.

धौलपुर. बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी और नेताओं ने शनिवार को एकीकृत पार्क में बैठक कर राज्य सरकार के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया. बैठक के बाद बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जहां राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को तीन सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दलित अत्याचार रोकने के साथ 2 अप्रैल 2018 को एससी-एसटी के युवाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की है.

धौलपुर में दलित समाज का प्रदर्शन

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अमर सिंह बंशीवाल ने बताया, राज्यपाल के नाम कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से दलित समाज ने तीन सूत्री मांगों को रखा है. प्रदेश में सबसे अधिक दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार प्रभावी एवं सख्त कदम उठाए. इसके अलावा 2 अप्रैल 2018 को एससी-एसटी एक्ट के विरोध में राज्य सरकार ने दलित समाज के लोगों पर मुकदमे दर्ज किए थे, जिन्हें सरकार को वापस लेना चाहिएच.

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वहीं अन्य प्रदेशों से राजस्थान प्रदेश में शादी होकर आ रही युवती एवं महिलाओं को आरक्षण का लाभ राज्य सरकार को देना चाहिए. उन्होंने बताया राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित कर इन तीन प्रमुख मांगों को रखा है. राजस्थान प्रदेश में राज्य सरकार की कार्यशैली के खिलाफ दलित समाज में आक्रोश है. उन्होंने कहा राजस्थान प्रदेश का दलित समाज शोषण एवं अत्याचार को सहन नहीं करेगा.

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कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तीनों मांगों को शीघ्र लागू करने की मांग की है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर सरकार ने दलित युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए एवं 2 अप्रैल 2018 के आंदोलन के दर्ज मुकदमों को वापस नहीं लिया गया तो दलित समाज सरकार का घेराव कर आंदोलन करेगा.

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