धौलपुर. धौलपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल सगीर खान ने शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिख कर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. त्यागपत्र में पूर्व विधायक ने निजी कारण बताए हैं. लेकिन पर्दे के पीछे की सियासत को देखा जाए तो इसके पीछे विधायक शोभारानी कुशवाहा एवं सगीर की सियासी अदावत को वजह माना जा रहा (Reason of EX MLA Abdul Sageer Khan resigns from Congress) है. उनका कहना है कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है.
सगीर ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देकर जिले की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है. डोटासरा को लिखे गए त्यागपत्र में पूर्व विधायक ने निजी कारणों का हवाला दिया है. हालांकि माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को क्रॉस वोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट देकर बीजेपी से निष्कासित हुई विधायक शोभारानी कुशवाहा के कांग्रेस में आने की संभावना प्रमुख कारण माना जा रहा है. शोभारानी एवं सगीर दो बार आमने-सामने चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि सगीर ने परिवार के साथ रहने के कारण व्यक्तिगत बताए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस मसले पर कार्यकर्ताओं से चर्चा की जाएगी. उसके बाद राजनीति में कदम रखा जाएगा.
बैठक में कुशवाहा पर किया था कटाक्ष: सगीर एवं शोभारानी सियासी तौर पर एक-दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं. गत 17 जून को कांग्रेसी नेताओं की गांधी पार्क में बैठक आयोजित की जा रही थी. बैठक के अंतर्गत बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कांग्रेसी नेता एवं शोभारानी के जीजा शिवचरण कुशवाहा को मजाक में कहा था कि अब साली कांग्रेस में आएगी. इस पर सगीर ने शोभारानी पर शायरी के माध्यम से कटाक्ष करते हुए कहा था कि 'बनके एक हादसा बाजार में आ जाएगा, जो नहीं होगा वह अखबार में आ जाएगा, चोर उच्चको की करो कद्र, न जाने कौन किस पार्टी में आ जाएगा'. इसके बाद पूर्व विधायक ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
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जिले में सियासी हलचल: सगीर के कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद नई सियासी हलचल शुरू हो गई है. सूत्रों की मानें तो पूर्व सगीर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. वे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफी नजदीकी माने जाते हैं. सगीर मुंबई में वकालत का काम करते थे. लेकिन वर्ष 2008 में राजे ने बीजेपी के टिकट से धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया था. सगीर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस नेता अशोक शर्मा को हराकर विधानसभा में पहुंचे थे. इसके बाद वर्ष 2013 में शोभारानी के पति व पूर्व विधायक बीएल कुशवाहा ने सगीर को चुनाव में हराया था.
हत्या-षड्यंत्र के मामले में बीएल कुशवाहा को सजा होने पर 2017 में उपचुनाव हुआ था. जिसमें सगीर का टिकट काट बीजेपी ने शोभारानी को टिकट देकर विधायक बनवाया था. सगीर का टिकट शोभारानी की वजह से कटने के बाद दोनों में अदावत शुरू हो गई थी. जिसके चलते 13 अप्रैल, 2019 को 48 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस का दामन थामते समय सगीर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह पर जोरदार हमले किए थे.