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धौलपुर: कर्मचारियों और शिक्षकों का केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन - धौलपुर न्यूज

धौलपुर जिले में राजस्व, पीडब्ल्यूडी और पंचायती विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारी और शिक्षकों ने सोमवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रधानमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारी और शिक्षकों ने लंबित मांगों को बहाल करने की मांग रखी है. कर्मचारी और शिक्षकों ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है.

Employees and teachers protest, protest in Dhaulpur collectorate
धौलपुर में कर्मचारियों और शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन
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Published : Aug 10, 2020, 6:51 PM IST

धौलपुर. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने सोमवार को राजस्व, पीडब्ल्यूडी और पंचायती विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारियों और शिक्षकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा है. शिक्षक संघ नेता यादवेंद्र शर्मा ने बताया कि मौजूदा वक्त में पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है.

कर्मचारियों और शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बिना संसद में बहस के जल्दबाजी में लागू करने का निर्णय लिया है. जिसका जिले के कर्मचारी और शिक्षक पुरजोर विरोध करते हैं. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए. जिसके लिए कर्मचारी संघ पूर्व में भी आंदोलन कर चुके हैं.

पढ़ें- पायलट खेमे की वापसी को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं की जा रही हैः गोविंद सिंह डोटासरा

इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण और विनिवेशीकरण किया जा रहा है, वह चिंताजनक है. केंद्र सरकार को जनविरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को खारिज करना चाहिए. साथ ही गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के शिक्षाकर्मियों के बकाया वेतन के भुगतान की व्यवस्था सरकार को करानी चाहिए. महामारी के दौरान वेतन से वंचित रहे शिक्षाकर्मी आजीविका के लिए परेशान हो रहे हैं.

आखिरी मांग में कर्मचारियों ने कहा कि हर संस्थान में कोरोना से बचाव के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने चाहिए. जिससे कर्मचारियों की जान को खतरा ना हो. कर्मचारी और शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने गंभीर होकर विभिन्न मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

धौलपुर. जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने सोमवार को राजस्व, पीडब्ल्यूडी और पंचायती विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारियों और शिक्षकों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा है. शिक्षक संघ नेता यादवेंद्र शर्मा ने बताया कि मौजूदा वक्त में पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है.

कर्मचारियों और शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन

ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को बिना संसद में बहस के जल्दबाजी में लागू करने का निर्णय लिया है. जिसका जिले के कर्मचारी और शिक्षक पुरजोर विरोध करते हैं. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को लागू करना चाहिए. जिसके लिए कर्मचारी संघ पूर्व में भी आंदोलन कर चुके हैं.

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इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार सार्वजनिक संस्थानों का निजीकरण और विनिवेशीकरण किया जा रहा है, वह चिंताजनक है. केंद्र सरकार को जनविरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को खारिज करना चाहिए. साथ ही गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के शिक्षाकर्मियों के बकाया वेतन के भुगतान की व्यवस्था सरकार को करानी चाहिए. महामारी के दौरान वेतन से वंचित रहे शिक्षाकर्मी आजीविका के लिए परेशान हो रहे हैं.

आखिरी मांग में कर्मचारियों ने कहा कि हर संस्थान में कोरोना से बचाव के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने चाहिए. जिससे कर्मचारियों की जान को खतरा ना हो. कर्मचारी और शिक्षकों ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने गंभीर होकर विभिन्न मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

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