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एक्शन में गहलोत सरकार: धौलपुर और दौसा एसपी को हटाया, कहा- ऐसी घटनाएं रोकने के लिए बनेगी कमेटी...मानवाधिकार और महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट

धौलपुर में विद्युत कर्मचारियों से मारपीट और दौसा में चिकित्सक के आत्महत्या प्रकरण में अब गहलोत सरकार एक्शन में आ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद धौलपुर और दौसा के पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया है. इसके साथ ही अन्य दोषी अधिकारियों को निलंबित और एपीओ किया गया है.

Cm Gehlot reached SMS hospital to meet Dholpur victim
एक्शन में गहलोत सरकार
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Published : Mar 30, 2022, 11:12 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 11:57 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौसा के लालसोट में महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में दौसा जिले के एसपीअनिल कुमार को हटाने, लालसोट एसएचओ को निलंबित करने और वृत्ताधिकारी को एपीओ करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव को मामले की प्रशासनिक जांच करने के निर्देश दिए है. गहलोत ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए .बैठक में निर्णय लिया गया कि इस घटना में महिला चिकित्सक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए .

सीएम ने बनाई कमेटी
मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. इस कमेटी में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा, पुलिस एवं विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा चिकित्सक शामिल होंगे. यह कमेटी सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर एक गाइडलाइन प्रस्तुत करेगी, जिसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा.

एक्शन में गहलोत सरकार

पढ़ें. Rathore on doctor suicide in Dausa: चिकित्सा मंत्री के क्षेत्र में डॉक्टर को मानसिक प्रताड़ना देकर सुसाइड के लिए मजबूर करना सरकार के माथे पर कलंक-राठौड़

बैठक में मुख्यमंत्री ने महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा की ओर से आत्महत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में चिकित्सकों को ईश्वर के समान दर्जा दिया गया है. वे रोगियों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. इसके बावजूद कई बार अप्रिय घटना होने पर डॉक्टर को अनावश्यक रूप से दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं है. यदि ऐसा होगा तो चिकित्सक पूरे समर्पण के साथ अपना दायित्व कैसे निभा पाएंगे. गहलोत ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई थीं. ऐसे चिकित्सकों से इस प्रकार का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर गहलोत से बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की थी.

सीएम बोले किसी को नहीं बख्शेंगे: दौसा जिले में महिला डॉक्टर के आत्महत्या करने के मामले में और धौलपुर के बाड़ी में विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट के प्रकरण को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार घिरी हुई है. विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि मामला चाहे दौसा का हो या फिर धौलपुर का जो भी दोषी पाया जाएगा उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

पढ़ें. Dausa Doctor Suicide : चिकित्सकों में आक्रोश, कई जिलों में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप

धौलपुर पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देशः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में बिजली विभाग के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में धौलपुर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है . कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई . ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है.

एसएमएस पहुंचे सीएम गहलोतः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंच कर धौलपुर में मारपीट के शिकार हुए विद्युत अभियंता से जाकर मुलाकात की और चिकित्सकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी. साथ ही उनके उपचार के लिए विशेष निर्देश दिए . गहलोत ने कहा कि कर्मचारी दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल कर राज काज के कार्य को करता है. उसकी और उसके मान सम्मान की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि मैं धौलपुर के पीड़ित से मिला हूं उनको गहरी चोटें आई हैं. पीड़ित के इलाज के लिए आवश्यक निर्देश चिकित्सकों को दे दिए हैं , उपचार में किसी तरह की कोई कोताही नही बरती जाएगी.

दोनों मामले में बनाई जांच कमेटीः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोनों मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. जांच होने पर जल्द ही आरोपी पुलिस की पकड़ में होंगे. गहलोत ने कहा कि सुशासन देना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसलिए इन दोनों मामलों में दोषी चाहे कोई भी हो और कितना भी प्रभावशाली हो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

पढ़ें. मलिंगा की बड़ी मुश्किलें : धौलपुर में JEN-AEN से मारपीट पर सीएम गहलोत सख्त, कहा- दोषी को बख्शा नहीं जाएगा...

घटनाओं की पुनरावृत्ति ना होः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोनों घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसी घटनाएं मानवीय दृष्टिकोण से भी समाज में चिंताजनक है. इस तरीके से कैसे कोई किसी पर हमला कर सकता है. गहलोत ने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं हो इस पर भी हम प्रयास कर रहे हैं कि कैसे इस तरह की घटनाएं रुके?. बावजूद इसके इस तरह की घटनाएं हो जाती है यह चिंताजनक बात है . सरकार इसे लेकर चिंतित हैं,समीक्षा बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

सीएम के करीबी विधायक पर लगे हैं आरोप: खास बात यह है कि विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप मुख्यमंत्री के ही बेहद करीबी माने जाने वाले बाड़ी से कांग्रेस के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर लगे हैं. लेकिन जिस तरह से सीएम गहलोत पीड़ित से मिलने SMS अस्पताल तक पहुंचे उससे उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की चाहे दोषी कोई भी हो सरकार पीड़ित को न्याय दिलाने में पीछे नहीं हटेगी . हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है चाहे वह कोई भी हो, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे .

महिला आयोग ने प्रसंज्ञान: डॉक्टर आत्महत्या मामले में महिला आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है , आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज ने DGP को नोटिस देते हुए सात दिन में मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. रियाज ने कहा-घटना काफी गंभीर और दुखद है, मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के निर्देश दिए है . इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के दिए निर्देश , उन्होंने मामले में दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

पढ़ें. जेईएन-एईएन से मारपीट का मामला, कांग्रेस एमएलए गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ मामला दर्ज, विधायक ने खारिज किया आरोप...डीएसपी समेत दो निलंबित

मानव अधिकारी आयोग ने भी जारी किया नोटिसः दौसा में महिला चिकित्सक के आत्महत्या प्रकरण को राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक, जयपुर व दौसा पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास और सदस्य महेश गोयल की खंडपीठ ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर इस मामले में स्वप्रेरणा संज्ञान लिया है.

दौसा जिले के लालसोट तहसील के निजी अस्पताल में महिला मरीज की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी. इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना दिया और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को अनदेखा करते हुए डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता में केस दर्ज कर लिया. इससे डिप्रेशन में आकर डॉ. अर्चना शर्मा ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौसा के लालसोट में महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में दौसा जिले के एसपीअनिल कुमार को हटाने, लालसोट एसएचओ को निलंबित करने और वृत्ताधिकारी को एपीओ करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव को मामले की प्रशासनिक जांच करने के निर्देश दिए है. गहलोत ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए .बैठक में निर्णय लिया गया कि इस घटना में महिला चिकित्सक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए .

सीएम ने बनाई कमेटी
मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. इस कमेटी में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा, पुलिस एवं विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा चिकित्सक शामिल होंगे. यह कमेटी सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर एक गाइडलाइन प्रस्तुत करेगी, जिसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा.

एक्शन में गहलोत सरकार

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बैठक में मुख्यमंत्री ने महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा की ओर से आत्महत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में चिकित्सकों को ईश्वर के समान दर्जा दिया गया है. वे रोगियों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. इसके बावजूद कई बार अप्रिय घटना होने पर डॉक्टर को अनावश्यक रूप से दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं है. यदि ऐसा होगा तो चिकित्सक पूरे समर्पण के साथ अपना दायित्व कैसे निभा पाएंगे. गहलोत ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई थीं. ऐसे चिकित्सकों से इस प्रकार का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर गहलोत से बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की थी.

सीएम बोले किसी को नहीं बख्शेंगे: दौसा जिले में महिला डॉक्टर के आत्महत्या करने के मामले में और धौलपुर के बाड़ी में विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट के प्रकरण को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार घिरी हुई है. विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि मामला चाहे दौसा का हो या फिर धौलपुर का जो भी दोषी पाया जाएगा उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

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धौलपुर पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देशः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में बिजली विभाग के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में धौलपुर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है . कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई . ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है.

एसएमएस पहुंचे सीएम गहलोतः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंच कर धौलपुर में मारपीट के शिकार हुए विद्युत अभियंता से जाकर मुलाकात की और चिकित्सकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी. साथ ही उनके उपचार के लिए विशेष निर्देश दिए . गहलोत ने कहा कि कर्मचारी दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल कर राज काज के कार्य को करता है. उसकी और उसके मान सम्मान की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि मैं धौलपुर के पीड़ित से मिला हूं उनको गहरी चोटें आई हैं. पीड़ित के इलाज के लिए आवश्यक निर्देश चिकित्सकों को दे दिए हैं , उपचार में किसी तरह की कोई कोताही नही बरती जाएगी.

दोनों मामले में बनाई जांच कमेटीः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोनों मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी. जांच होने पर जल्द ही आरोपी पुलिस की पकड़ में होंगे. गहलोत ने कहा कि सुशासन देना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसलिए इन दोनों मामलों में दोषी चाहे कोई भी हो और कितना भी प्रभावशाली हो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

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घटनाओं की पुनरावृत्ति ना होः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दोनों घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसी घटनाएं मानवीय दृष्टिकोण से भी समाज में चिंताजनक है. इस तरीके से कैसे कोई किसी पर हमला कर सकता है. गहलोत ने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में नहीं हो इस पर भी हम प्रयास कर रहे हैं कि कैसे इस तरह की घटनाएं रुके?. बावजूद इसके इस तरह की घटनाएं हो जाती है यह चिंताजनक बात है . सरकार इसे लेकर चिंतित हैं,समीक्षा बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हुई है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो.

सीएम के करीबी विधायक पर लगे हैं आरोप: खास बात यह है कि विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप मुख्यमंत्री के ही बेहद करीबी माने जाने वाले बाड़ी से कांग्रेस के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर लगे हैं. लेकिन जिस तरह से सीएम गहलोत पीड़ित से मिलने SMS अस्पताल तक पहुंचे उससे उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की चाहे दोषी कोई भी हो सरकार पीड़ित को न्याय दिलाने में पीछे नहीं हटेगी . हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है चाहे वह कोई भी हो, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे .

महिला आयोग ने प्रसंज्ञान: डॉक्टर आत्महत्या मामले में महिला आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है , आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज ने DGP को नोटिस देते हुए सात दिन में मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. रियाज ने कहा-घटना काफी गंभीर और दुखद है, मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के निर्देश दिए है . इसके साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकने के दिए निर्देश , उन्होंने मामले में दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

पढ़ें. जेईएन-एईएन से मारपीट का मामला, कांग्रेस एमएलए गिर्राज सिंह मलिंगा के खिलाफ मामला दर्ज, विधायक ने खारिज किया आरोप...डीएसपी समेत दो निलंबित

मानव अधिकारी आयोग ने भी जारी किया नोटिसः दौसा में महिला चिकित्सक के आत्महत्या प्रकरण को राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक, जयपुर व दौसा पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी के व्यास और सदस्य महेश गोयल की खंडपीठ ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर इस मामले में स्वप्रेरणा संज्ञान लिया है.

दौसा जिले के लालसोट तहसील के निजी अस्पताल में महिला मरीज की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई थी. इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए धरना दिया और पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को अनदेखा करते हुए डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता में केस दर्ज कर लिया. इससे डिप्रेशन में आकर डॉ. अर्चना शर्मा ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली.

Last Updated : Mar 30, 2022, 11:57 PM IST
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