धौलपुर. अशोक शर्मा की अचानक मौत से सब सदमे में हैं (Dholpur BJP Leader Death). सुबह से ही उनके आवास पर राजनेता, समाजसेवी एवं जिले भर के लोग शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंच रहे हैं. आपको बता दें अशोक शर्मा राजस्थान सरकार में मंत्री रहे बनवारी लाल शर्मा के बड़े बेटे थे (Son Of Banwari Lal Sharma Passes Away).
कांग्रेस से लड़े थे चुनाव: वर्ष 2008 में धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के अब्दुल सगीर ने उनको हरा दिया था. इसके बाद अशोक शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के माध्यम से भाजपा में शामिल हो गए थे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने उनको वर्ष 2018 में राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का प्रत्याशी बनाया था लेकिन निकटतम प्रतिद्वंदी रोहित बोहरा से चंद मतों से चुनाव हार गए थे.
बेदाग छवि के थे शर्मा: अशोक शर्मा का निधन जिले के लिए एक बड़ा नुकसान है. राजनीति में उनकी छवि बेदाग मानी जाती थी. अपनी बेबाकी के लिए भी वो जाने जाते थे. ब्राह्मण समाज की समस्याओं को लेकर भी वो हमेशा मुखर रहे और नेतृत्व भी करते रहे. भाजपा पार्टी में अशोक शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफी नजदीक माने जाते थे (Vasundhara Camp Ashok Sharma ).
अशोक शर्मा के पिता बनवारी लाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनाव में पटखनी दी थी, लेकिन वर्ष 2018 से बनवारी लाल शर्मा एवं अशोक शर्मा की नजदीकियां पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से बढ़ गई थी. कांग्रेस ने पूर्व मंत्री को बेटे के सपोर्ट में खड़े होने के चलते पार्टी से निष्कासित भी कर दिया था.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पहुंची शोक व्यक्त करनेः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अशोक शर्मा के आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंची. अशोक शर्मा के पिता एवं पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा से मुलाकात कर उनको ढांढस बंधाया. सुबह से ही शर्मा के आवास पर भाजपा, कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ समाजसेवी एवं जिले भर के लोगों की हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी. शर्मा के घर से लेकर श्मशान घाट तक हजारों की तादाद में काफिला देखा गया. इस दौरान उनकी शव यात्रा में क्षेत्रीय सांसद डॉ मनोज राजोरिया, पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर, विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, विधायक रोहित बोहरा समेत तमाम राजनैतिक नेता मौजूद रहे.
दो बार लड़े थे विधानसभा चुनावः कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के बड़े पुत्र अशोक शर्मा दो बार विधानसभा का चुनाव लड़े थे. 2008 में उन्होंने कांग्रेस के सिंबल से धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. लेकिन चंद मतों से निकटतम प्रतिद्वंदी अब्दुल सगीर से चुनाव हार गए. इसके बाद 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाजपा में शामिल कर उन्हें राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था. राजाखेड़ा क्षेत्र से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
अशोक शर्मा के निधन के सदमे में चाचा की भी मौतः भाजपा नेता अशोक शर्मा के निधन की खबर सुनकर उनके चाचा गोविंद शर्मा को भी हर्ट अटैक आ गया. जिन्हें अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया. चाचा गोविंद शर्मा का लगाव अशोक शर्मा से बचपन से ही रहा था. भतीजे की मौत की खबर के सदमे को सह नहीं सके और अटैक पड कर उनकी भी मौत हो गई.
भाजपा को बड़ी क्षतिः अशोक शर्मा के निधन से भारतीय जनता पार्टी को बड़ी क्षति हुई है। अशोक शर्मा एवं उनके पिता बनवारी लाल शर्मा की ओर से ही ब्राह्मण समाज का नेतृत्व किया जाता था. धौलपुर जिला समेत भरतपुर संभाग में अशोक शर्मा का वजूद कायम था. सियासी तौर पर राजनीतिक समीकरण बनाने और बिगाड़ने में उनकी मुख्य भूमिका रहती थी.