धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय ने पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सूनाई है. बता दें कि राजाखेड़ा थाना इलाके में वर्ष 2016 में 14 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामला सामने आया था.
वहीं शनिवार को कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दण्डित किया है. वहीं अन्य धारा 366 में 5 वर्ष और पांच हजार रुपये का अर्थदंड और आईपीसी की धारा 363 में तीन वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया हैं. ये सभी सजाए साथ-साथ चलेगी. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश मुकेश त्यागी ने सजा सुनाते हुए अभियुक्त मोनू कुमार को सभी धाराओं में 20 हजार रूपये के अर्थ दंड से दण्डित किया है.
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विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि 29 जुलाई 2016 को राजाखेड़ा पुलिस थाने पर नाबालिग के परिजन ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री 22 जुलाई 2016 को सुबह 9 बजे सरकारी स्कूल से टीसी लेने गई थी, जो लौट कर नहीं आई. पीड़ित ने पुत्री को काफी तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली. जिसके बाद पता चला कि उसकी पुत्री का अपहरण कर लिया गया है.
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पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें नाबालिग को दस्तयाब कर मेडीकल कराया गया. साथ ही मामले में अभियुक्त मोनू कुमार निवासी सालाखेड़ी,थाना तितावी, जिला मुज्जफरनगर उत्तर प्रदेश के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 4 और 6,आईपीसी की धारा 363, 366 में मामला दर्ज कर और उसे गिरफ्तार किया गया. अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया, जिसमें वो जमानत पर चल रहा था.
मामले में शनिवार को विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 5, 6 में दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैं. इसके अलावा अभियुक्त को दस हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है और अन्य आईपीसी की धारा 366 में 5 वर्ष और पांच हजार रुपये का अर्थ दंड औरआईपीसी की धारा 363 में तीन वर्ष की सजा और पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया है.