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धौलपुर: राष्ट्रीय लोक अदालत की 11 बेंच पर 747 मामले का निस्तारित, 12 परिवार टूटने से बचे - dholpur

धौलपुर जिले में द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें जिले भर के कुल 747 मामलों का निस्तारण किया गया. प्रकरण के निस्तारण के लिए जिले भर अदालत के कुल 11 बेंच स्थापित किए गए थे.

राष्ट्रीय लोक अदालत की 11 बेंच पर 747 मामलों का निस्तारण
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Published : Jul 14, 2019, 12:07 AM IST

धौलपुर. जिले में द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिला मुख्यालय पर 07, बाडी में 03 और राजाखेडा में 01 बेंच का गठित की गई. जहां कुल 747 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत की 11 बेंच पर 747 मामलों का निस्तारण

द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत में बाडी में 321, राजाखेडा में 190 मामलों का निस्तारण किया गया. इसके अलवा जिले भर अन्य 3 प्रकरणों का निस्तारण रा+Cजीनामा के द्वारा किया गया. निस्तारित प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन के कुल 180 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिसमें जिला मुख्यालय पर 100 ताल्लुका बाडी में 67 तथा राजाखेडा में 13 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

लोक अदालत के माध्यम से पारिवारिक न्यायालय धौलपुर में कुल 48 पारिवारिक प्रकरणों निस्तारण हुआ. पारिवारिक न्यायालय में 12 जोड़े ने एक-दूसरे को माला पहनाकर राजी खुशी परिवार में शामिल होने के लिए सहमत हुए. रजनी बनाम रविन्द्र में प्रार्थी द्वारा अपने पति रविन्द्र के विरूद्ध भरण पोषण की राषि वसूली हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया गया था. उक्त प्रकरण में सजा भुगताने के लिए पति को एक माह के कारावास से दडित किया गया था. जिसके कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी किये थे.

मामले में न्यायालय द्वारा पक्षकार के मध्य सुलह कराने की कोशिश की गई, लेकिन समझाइस असफल रही. ऐसे में न्यायालय द्वारा पति को कारावास करने की कार्रवाई शुरू की गई. तब पत्नि की भावना पति के प्रति जागृत हुई और समझाइश का असर हुआ. प्रकरण को राजीनामा के द्वारा निस्तारित कर दिया जाए. इस प्रकरण में पत्नि द्वारा प्रकरण को राजीनामा से निस्तारित किया गया. पति पत्नी के मिलन से अदालत में माहौल खुशी के रूप में बदल गया. पति पत्नी दोनों की आंखें खुशी से आंसुओं से छलक आए. अदालत ने कोर्ट परिसर में ही पति और पत्नी ने एक दूसरे को फूल की माला पहनाई. जज ने दोनों को आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

धौलपुर. जिले में द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिला मुख्यालय पर 07, बाडी में 03 और राजाखेडा में 01 बेंच का गठित की गई. जहां कुल 747 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत की 11 बेंच पर 747 मामलों का निस्तारण

द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत में बाडी में 321, राजाखेडा में 190 मामलों का निस्तारण किया गया. इसके अलवा जिले भर अन्य 3 प्रकरणों का निस्तारण रा+Cजीनामा के द्वारा किया गया. निस्तारित प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन के कुल 180 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिसमें जिला मुख्यालय पर 100 ताल्लुका बाडी में 67 तथा राजाखेडा में 13 प्रकरणों का निस्तारण किया गया.

लोक अदालत के माध्यम से पारिवारिक न्यायालय धौलपुर में कुल 48 पारिवारिक प्रकरणों निस्तारण हुआ. पारिवारिक न्यायालय में 12 जोड़े ने एक-दूसरे को माला पहनाकर राजी खुशी परिवार में शामिल होने के लिए सहमत हुए. रजनी बनाम रविन्द्र में प्रार्थी द्वारा अपने पति रविन्द्र के विरूद्ध भरण पोषण की राषि वसूली हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया गया था. उक्त प्रकरण में सजा भुगताने के लिए पति को एक माह के कारावास से दडित किया गया था. जिसके कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी किये थे.

मामले में न्यायालय द्वारा पक्षकार के मध्य सुलह कराने की कोशिश की गई, लेकिन समझाइस असफल रही. ऐसे में न्यायालय द्वारा पति को कारावास करने की कार्रवाई शुरू की गई. तब पत्नि की भावना पति के प्रति जागृत हुई और समझाइश का असर हुआ. प्रकरण को राजीनामा के द्वारा निस्तारित कर दिया जाए. इस प्रकरण में पत्नि द्वारा प्रकरण को राजीनामा से निस्तारित किया गया. पति पत्नी के मिलन से अदालत में माहौल खुशी के रूप में बदल गया. पति पत्नी दोनों की आंखें खुशी से आंसुओं से छलक आए. अदालत ने कोर्ट परिसर में ही पति और पत्नी ने एक दूसरे को फूल की माला पहनाई. जज ने दोनों को आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.

Intro:धौलपुर जिले आज शनिबार को  द्वितीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके लिए जिला मुख्यालय पर 07 बैंच, ताल्लुका बाडी में 03 बैंच व ताल्लुका राजाखेडा में 01 बैंच का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 564 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जिसमें जिला मुख्यालय धौलपुर में 321 ताल्लुका बाडी में 190 तथा ताल्लुका राजाखेडा में कुल 53 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा के द्वारा किया गया। निस्तारित प्रकरणों में प्री-लिटिगेशन के कुल 180 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जिसमें जिला मुख्यालय पर 100 ताल्लुका बाडी में 67 तथा राजाखेडा में 13 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
 


Body:लोक अदालत के माध्यम से पारिवारिक न्यायालय धौलपुर में कुल 48 पारिवारिक प्रकरणों में पक्षकारों ने अपना मन मुटाव दूर कर पुनः अपना घर बसाया और अपने प्रकरणों का निस्तारण कराया। पारिवारिक न्यायालय में 12 जोडे ने एक-दूसरे को माला पहनाकर अपने प्रकरण का निस्तारण कराया और राष्ट्रीय लोक अदालत का धन्यवाद ज्ञापित किया। पारिवारिक न्यायालय में निस्तारित प्रकरणों में निस्तारित एक प्रमुख प्रकरण का अहम निस्तारण किया गया। रजनी बनाम रविन्द्र में प्रार्थीया द्वारा अपने पति रविन्द्र के विरूद्ध भरण पोषण की राषि वसूली हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया गया था। उक्त प्रकरण में सजा भुगताने के लिए पति को एक माह के कारावास से दडित किया गया था। जिसके कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी किये थे। जब पति-पत्नि न्यायालय में तारीख पेशी पर उपस्थित हुए तब भी पति द्वारा भरण पोषण राषि का भुगतान करने में असमर्थता जाहिर की। न्यायालय द्वारा पक्षकार के मध्य सुलह कराने की कोशिश की गई। लेकिन समझाइस असफल रही। ऐसे में न्यायालय द्वारा पति को कारावास करने की कार्रवाई शुरू की गई। तब पत्नि की भावना पति के प्रति जागृत हुई और उस पर समझाइस का असर हुआ तथा पत्नि ने भरण पोषण की अदायगी पर जोर ने देते हुए स्वंय अपने पति को जेल न भेजे जाने का आग्रह किया। दोनों पक्षों ने आपस में बातचीत कर न्यायालय को अवगत कराया कि दोनों लोग साथ साथ रहना चाहते हैं एवं विवाद का निस्तारण राजीनामा के द्वारा करने का निवेदन किया है। प्रकरण को राजीनामा के द्वारा निस्तारित कर दिया जावे। इस प्रकरण में पत्नि द्वारा प्रकरण को राजीनामा से  निस्तारित किया गया। पत्नि द्वारा दाम्पत्य जीवन के एवं अपने पति के प्रति सच्ची भावना दिखाते हुए अपने घर को बिखरने से बचा लिया।






Conclusion:पति पत्नी के मिलन से अदालत में माहौल खुशी के रूप में बदल गया । पति पत्नी दोनों की आंखें खुशी से आंसुओं से छलक आई। अदालत ने कोर्ट परिसर में ही पति पत्नी को फूलों की मालाएं पहनाई। जजों ने दोनों को आशिर्बाद देकर दाम्पत्य जीवन खुश रहने के साथ उज्जवल भविष्य की कामना की। 
Byte - चंद्र प्रकाश श्रीमाली,न्यायाधीश
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Neeraj Sharma
Dholpur
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