दौसा. कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा जिला अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. तभी एक महिला ने वहां आकर कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वो आत्महत्या कर लेगी. मामला दौसा जिला कलेक्ट्रेट सभागार का है. महिला ने बताया कि वो अपनी पति के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पिछले 10 सालों से दर-दर की ठोकरें खा रही है. मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को मामले में जल्द कार्रवाई कर पीड़िता को न्याय दिलवाने की बात कही.
क्या है पूरा मामला
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा जिला कलेक्टर और दूसरे अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा बैठक कर रहे थे. तभी एक महिला वहां पहुंची और उसने बताया कि 10 साल पहले उसके पति की मौत हो गई थी. लेकिन आज तक उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है. उसके मृत पति और उसके साथ काम करने वाले एक और व्यक्ति के नाम में समानता का फायदा उठाकर ठेकेदार ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. ठेकेदार ने उसके पति के साथी का नाम और पिता का नाम मिलता-जुलता होने का फायदा उठाकर मृत की जगह जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े से बनवा लिया और मृतक को मिलने वाले लाभ डकार गया.
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पीड़िता ने कहा कि वो पिछले 10 सालों से मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रही है लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला है. यह मामला कोलवा थाना क्षेत्र के भावता भावती गांव का है. मृतक के परिजन ने बताया कि 2010 में जयराम पुत्र तेजराम विशाखापट्टनम में किसी कंपनी में मजदूरी करने के लिए गया था. उसके साथ गांव के ठेकेदार कजोड़मल मीणा और कुछ ग्रामीण भी गए थे. विशाखापट्टनम में काम के दौरान जयराम की फैक्ट्री में मौत हो गई.
जिसके बाद ठेकेदार कजोड़मल मीणा ने फर्जीवाड़ा किया. जिसमें मृतक जयराम के अन्य साथी जिसका नाम मृतक से मिलता जुलता था. उस युवक का नाम भी जयराम था. इसी नाम की समानता का फायदा उठाते हुए ठेकेदार ने फर्जी सर्टिफिकेट बनावा दिया. साथ ही पोस्टमार्टम करने वाले अस्पताल से लेकर ग्राम पंचायत तक उसने मृत्यु प्रमाण पत्र में जयराम पुत्र तेजराम की जगह जयराम पुत्र बलराम तेजराम जुड़वा दिया. यहां तक कि ग्राम पंचायत में भी सर्टिफिकेट जयराम पुत्र तेजराम के नाम से बना दिया. फिर फर्जीवाड़े में उसी प्रमाण पत्र में बलराम अलग से जोड़कर दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
जिससे मृतक के परिजनों को फैक्ट्री इंश्योरेंस कंपनी से मिलने वाला लाभ आज तक नहीं मिला. फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से ठेकेदार ने मृतक को मिलने वाला सारा लाभ हड़प लिया. मामले को लेकर मृतक के साले राकेश मीणा ने मार्च 2019 में फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राम पंचायत के सरपंच, सेक्रेटरी और मुख्य आरोपी ठेकेदार कजोड़ के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया. मृतक के साले का आरोप है कि पिछले 1 साल से इस मामले में पुलिस मामले की जांच में शिथिलता बरत रही है.