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जल संरक्षण को लेकर दौसा प्रशासन की पहल, सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बनेंगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

दौसा में जल संरक्षण को लेकर प्रशासन ने एक नई पहल की है. जिले के सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए जाएंगे. जिसको लेकर शुक्रवार को कलेक्टर ने सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

Water harvesting system built in school, विद्यालय में बनेगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
विद्यालय में बनेगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
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Published : Jul 17, 2020, 3:41 PM IST

दौसा. जिले में शुक्रवार को उप जिला कलेक्टर पुष्कर मित्तल की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय सभी प्रिंसिपल की बैठक ली गई. बैठक में सभी को निर्देश दिए गए कि सभी राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय में बारिश के मौसम को देखते हुए वाटर रिचार्ज सिस्टम होना चाहिए.

विद्यालय में बनेगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

विद्यालय में बच्चों के लिए पानी के जो जल स्रोत हैं, उनको रिचार्ज करने के लिए सभी विद्यालयों में वॉटर हार्वेस्टर बनाना अनिवार्य है. एसडीएम पुष्कर मित्तल ने कहा कि जो बच्चे भविष्य में विद्यालय में पढ़ रहे हैं, वह इन सब चीजों को अपने जीवन में उतार कर पानी के पुराने संसाधनों को रिचार्ज करना सीखेंगे.

जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीणा ने बताया कि सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों को वॉटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय को समय पर अनुदान नहीं मिलता है, तो अपने विधायक विकास फंड से निर्माण कर सकते है.

पढ़ेंः चार दिन से नहीं उठा कचरा...सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस रिसोर्ट पॉलिटिक्स में व्यस्त-कालीचरण सर्राफ

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बारिश का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में जल्द से जल्द वाटर हार्वेस्टिंग बनाना आवश्यक है. जिन विद्यालयों में पूर्व में वाटर हार्वेस्टिंग बन चुके हैं, लेकिन वह सुचारू नहीं है, उनको भी तुरंत प्रभाव से मेंटेनेंस करवाकर सुचारू करें. जिससे कि विद्यालय के जलस्रोत को मजबूत बनाया जा सके.

दौसा. जिले में शुक्रवार को उप जिला कलेक्टर पुष्कर मित्तल की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय सभी प्रिंसिपल की बैठक ली गई. बैठक में सभी को निर्देश दिए गए कि सभी राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय में बारिश के मौसम को देखते हुए वाटर रिचार्ज सिस्टम होना चाहिए.

विद्यालय में बनेगा वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

विद्यालय में बच्चों के लिए पानी के जो जल स्रोत हैं, उनको रिचार्ज करने के लिए सभी विद्यालयों में वॉटर हार्वेस्टर बनाना अनिवार्य है. एसडीएम पुष्कर मित्तल ने कहा कि जो बच्चे भविष्य में विद्यालय में पढ़ रहे हैं, वह इन सब चीजों को अपने जीवन में उतार कर पानी के पुराने संसाधनों को रिचार्ज करना सीखेंगे.

जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीणा ने बताया कि सभी उच्च माध्यमिक विद्यालयों को वॉटर हार्वेस्टिंग बनाने के लिए अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि किसी विद्यालय को समय पर अनुदान नहीं मिलता है, तो अपने विधायक विकास फंड से निर्माण कर सकते है.

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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बारिश का मौसम शुरू हो चुका है. ऐसे में जल्द से जल्द वाटर हार्वेस्टिंग बनाना आवश्यक है. जिन विद्यालयों में पूर्व में वाटर हार्वेस्टिंग बन चुके हैं, लेकिन वह सुचारू नहीं है, उनको भी तुरंत प्रभाव से मेंटेनेंस करवाकर सुचारू करें. जिससे कि विद्यालय के जलस्रोत को मजबूत बनाया जा सके.

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