दौसा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर ग्रामाणों ने विरोध-प्रदर्शन किया. मंगलवार को भोजवाड़ा, धनावड़ और आसपास के कई गांवों के लोगों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने इस संबंध में कंपनी के अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा.
ग्रामीणों का कहना है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान गांवों के आम रास्तों को बंद कर दिया जाता है. जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है. एक्सप्रेस वे के निर्माण से गांवों के रास्ते बंद होने से आसपास के दर्जनों गांव प्रभावित हो रहे हैं.
एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान गांवों को आपस में जोड़ने वाले रास्ते बंद हो जाते हैं, जिनसे ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ज्ञापन देने आए लोगों ने कहा कि हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया है. अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो वो एक्सप्रेस वे का काम बंद करवा देंगे.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की खास बातें
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे भारतमाला प्रोजक्ट के तहत बन रहा है. इस एक्सप्रेस वे के बन जाने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी 12 घंटों में तय की जा सकेगी. यह एक्सप्रेस वे 8 लेन का होगा. जिसमें 4 लेन जाने के लिए 4 लेन आने के लिए होंगी. राजस्थान के 380 किमी में एक्सप्रेस वे का निर्माण हो रहा है. इस एक्सप्रेस वे को बनाने में 1.03 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच 280 किमी की दूरी कम हो जाएगी. ये मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजक्ट है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा.