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दौसा में जिला अस्पताल की घोर लापरवाही, एंबुलेंस में KMT और चालक को करवानी पड़ी डिलीवरी - दौसा में एम्बुलेंस चालक ने करवाइ डिलीवरी

दौसा के जिला अस्पताल में मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के बाहर 108 एंबुलेंस में केएमटी और चालक की सहायता से एक महिला की डिलीवरी करवानी पड़ी. प्रसूता को लेकर एंबुलेंस की सहायता से चालक जिला अस्पताल पहुंचा. वहां प्रसूता को मातृ एवं शिशु ईकाई में अंदर ले जाने के लिए अस्पताल के स्टाफ नहीं आया. ऐसे में एंबुलेंस के ईएमटी ने अस्पताल में 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई.

KMT and driver had delivery in ambulance , दौसा में एम्बुलेंस चालक ने करवाइ डिलीवरी
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Published : Nov 13, 2019, 4:47 PM IST

दौसा. एक ओर जहां प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जननी सुरक्षा जैसी योजना चला रही है. साथ ही विभिन्न योजनाओं को चलाकर प्रसूताओं को लाभ और सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रही है. वहीं इसका उल्टा बुधवार सुबह जिला अस्पताल परिसर में नजर आया. जहां अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते एक प्रसूता की अस्पताल परिसर में एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवानी पड़ी. हालांकि इस मामले में जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

दौसा में एम्बुलेंस चालक ने करवायी डिलीवरी

मामला जिले के नांगल राजावतान तहसील के मलवास गांव का है. जहां से एक प्रसूता को लेकर 108 एंबुलेंस की सहायता से सुरेंद्र सिंह चालक जिला अस्पताल पहुंचा. वहां दर्द से चिल्लाती प्रसूता को मातृ और शिशु ईकाई के अंदर ले जाने के लिए तकरीबन आधा घंटा अस्पताल के स्टाफ का इंतजार किया. स्टाफ के नहीं आने और प्रसूता की बिगड़ती हालत को देखकर अंत मे एंबुलेंस के एएमटी और चालक ने 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई.

ये पढ़ेंः बड़ा खुलासा: नल, पुराने पाइप और स्क्रैप से देशी कट्टे सहित कई अन्य हथियार बनाने वाला 'सरदार' मध्य प्रदेश से गिरफ्तार, अब तक 500 बेचे

मामले को लेकर एंबुलेंस चालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के नांगल राजावतान उपखंड के मलवास गांव से प्रसूता को लेकर दौसा जिला चिकित्सालय पहुंचे. जहां मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के आगे तकरीबन आधे घंटे तक एंबुलेंस में ही दर्द के मारे चिल्लाती रही. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. तकरीबन आधे घंटे के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं संभालने पर एंबुलेंस चालक और एंबुलेंस के एएमटी ने मिलकर एंबुलेंस में प्रसुता की डिलीवरी करवाई. वहीं परिजनों का आरोप है कि लंबे समय के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को नहीं संभाला.

दौसा. एक ओर जहां प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जननी सुरक्षा जैसी योजना चला रही है. साथ ही विभिन्न योजनाओं को चलाकर प्रसूताओं को लाभ और सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रही है. वहीं इसका उल्टा बुधवार सुबह जिला अस्पताल परिसर में नजर आया. जहां अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते एक प्रसूता की अस्पताल परिसर में एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवानी पड़ी. हालांकि इस मामले में जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

दौसा में एम्बुलेंस चालक ने करवायी डिलीवरी

मामला जिले के नांगल राजावतान तहसील के मलवास गांव का है. जहां से एक प्रसूता को लेकर 108 एंबुलेंस की सहायता से सुरेंद्र सिंह चालक जिला अस्पताल पहुंचा. वहां दर्द से चिल्लाती प्रसूता को मातृ और शिशु ईकाई के अंदर ले जाने के लिए तकरीबन आधा घंटा अस्पताल के स्टाफ का इंतजार किया. स्टाफ के नहीं आने और प्रसूता की बिगड़ती हालत को देखकर अंत मे एंबुलेंस के एएमटी और चालक ने 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई.

ये पढ़ेंः बड़ा खुलासा: नल, पुराने पाइप और स्क्रैप से देशी कट्टे सहित कई अन्य हथियार बनाने वाला 'सरदार' मध्य प्रदेश से गिरफ्तार, अब तक 500 बेचे

मामले को लेकर एंबुलेंस चालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के नांगल राजावतान उपखंड के मलवास गांव से प्रसूता को लेकर दौसा जिला चिकित्सालय पहुंचे. जहां मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के आगे तकरीबन आधे घंटे तक एंबुलेंस में ही दर्द के मारे चिल्लाती रही. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. तकरीबन आधे घंटे के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं संभालने पर एंबुलेंस चालक और एंबुलेंस के एएमटी ने मिलकर एंबुलेंस में प्रसुता की डिलीवरी करवाई. वहीं परिजनों का आरोप है कि लंबे समय के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को नहीं संभाला.

Intro:अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही का नमूना बुधवार अलसुबह नजर आया जहां एक प्रसूता की डिलीवरी जिला अस्पताल में मात्रिक मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के बाहर 108 एंबुलेंस में एंबुलेंस केएमटी व चालक की सहायता से करवानी पड़ी मामला जिले के नांगल राजावतान तहसील के मलवास गांव का है जहां एक प्रसूता को लेकर एंबुलेंस की सहायता से चालक जिला अस्पताल पहुंचा वहां प्रसूता को मातृ एवं शिशु ईकाई में अंदर ले जाने के लिए अस्पताल के स्टाफ एंबुलेंस के ईएमटी ने अस्पताल में 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई।Body: दौसा एक ओर जहां प्रदेश सरकार जच्चा बच्चा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जननी सुरक्षा जैसी विभिन्न योजना चलाकर प्रसूताओ को लाभ व सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रही है । वहीं इसका उल्टा बुधवार को अल सुबह जिला अस्पताल परिसर में नजर आया । जहां अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते एक प्रसूता की अस्पताल परिसर में एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवानी पड़ी।
अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही का नमूना बुधवार अलसुबह नजर आया जहां एक प्रसूता की डिलीवरी जिला अस्पताल में मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के बाहर 108 एंबुलेंस में एंबुलेंस के एएमटी व चालक की सहायता से करवानी पड़ी । मामला जिले के नांगल राजावतान तहसील के मलवास गांव का है । जहां से एक प्रसूता को लेकर 108 एंबुलेंस की सहायता से सुरेंद्र सिंह चालक जिला अस्पताल पहुंचा वहां दर्द से चिल्लाती प्रसूता को मातृ एवं शिशु ईकाई के अंदर ले जाने के लिए तकरीबन आधा घंटा अस्पताल के स्टाफ का इंतजार किया । स्टाफ के नही संभालने व प्रसूता की बिगड़ती हालत को देख कर अंत मे एंबुलेंस के एएमटी व चालक ने अस्पताल में ही 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई। मामले को लेकर एंबुलेंस के चालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के नांगल राजावतान उपखंड के मलवास गांव से प्रसूता को लेकर दोसा जिला चिकित्सालय पहुंचे जहां मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के आगे तकरीबन आधे घंटे तक एंबुलेंस में ही दर्द के मारे चिल्लाती रही । लेकिन अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। तकरीबन आधे घंटे के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं संभालने पर एंबुलेंस चालक व एंबुलेंस के एएमटी ने मिलकर एंबुलेंस में प्रसुता की डिलीवरी करवाई । हालांकि इस मामले में जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित है लेकिन इस मामले में अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही व जननी सुरक्षा जैसी योजनाओं की सच्चाई सामने आगई । वहीं परिजनों का आरोप है कि लंबे समय के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को नहीं संभाला ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुपए बर्बाद करके जननी सुरक्षा इन जैसी विभिन्न योजना संचालित करने पर अस्पताल प्रशासन जैसे लोग पानी फेरते नजर आ रहे हैं।
1 बाइट सुरेंद्र सिंह एंबुलेंस चालक
2 बाइट अशोक मौर्य परिजन प्रसूताConclusion:
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