दौसा. एक ओर जहां प्रदेश सरकार जच्चा-बच्चा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जननी सुरक्षा जैसी योजना चला रही है. साथ ही विभिन्न योजनाओं को चलाकर प्रसूताओं को लाभ और सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रही है. वहीं इसका उल्टा बुधवार सुबह जिला अस्पताल परिसर में नजर आया. जहां अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते एक प्रसूता की अस्पताल परिसर में एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवानी पड़ी. हालांकि इस मामले में जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
मामला जिले के नांगल राजावतान तहसील के मलवास गांव का है. जहां से एक प्रसूता को लेकर 108 एंबुलेंस की सहायता से सुरेंद्र सिंह चालक जिला अस्पताल पहुंचा. वहां दर्द से चिल्लाती प्रसूता को मातृ और शिशु ईकाई के अंदर ले जाने के लिए तकरीबन आधा घंटा अस्पताल के स्टाफ का इंतजार किया. स्टाफ के नहीं आने और प्रसूता की बिगड़ती हालत को देखकर अंत मे एंबुलेंस के एएमटी और चालक ने 108 एंबुलेंस में ही प्रसूता की डिलीवरी करवाई.
मामले को लेकर एंबुलेंस चालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के नांगल राजावतान उपखंड के मलवास गांव से प्रसूता को लेकर दौसा जिला चिकित्सालय पहुंचे. जहां मातृ एवं शिशु कल्याण इकाई के आगे तकरीबन आधे घंटे तक एंबुलेंस में ही दर्द के मारे चिल्लाती रही. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. तकरीबन आधे घंटे के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं संभालने पर एंबुलेंस चालक और एंबुलेंस के एएमटी ने मिलकर एंबुलेंस में प्रसुता की डिलीवरी करवाई. वहीं परिजनों का आरोप है कि लंबे समय के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को नहीं संभाला.