दौसा. गुर्जर समाज के पंच पटेलों ने फैसला लिया कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जर समाज के सर्वमान्य नेता हैं. लेकिन वे अपने पुत्र को राजनीति में लाने के लिए आंदोलन का नेता बना रहे हैं. यह किसी भी व्यक्ति को मान्य नहीं है. ऐसे में निहालपुरा मंदिर पर हुई इस महापंचायत में गुर्जर समाज के लोगों ने यह निर्णय लिया कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला खुद दौसा आकर आंदोलन की अगुवाई करते हैं तो आबादी क्षेत्र को छोड़कर उनके साथ कहीं पर भी आंदोलन करने के लिए तैयार हैं.
बैठक में यह भी तय किया गया कि कर्नल बैंसला के अलावा उनका पुत्र या उनका कोई भी प्रतिनिधि दौसा में आंदोलन की बात करता है तो हम उसके साथ नहीं रहेंगे. प्रतिनिधियों का कहना है कि कर्नल अपने बेटे को राजनीति में लाने कि लिए आरक्षण का बहाना ढूंढकर ट्रैक पर बैठे हैं. इस दौरान गुर्जर नेताओं ने सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यह न समझे कि गुर्जर समाज आरक्षण के मुद्दे से पीछे हट रहा है.
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सरकार को गुर्जरों की सभी मांगें पूरी करनी होगी, नहीं तो गुर्जर समाज आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है. लेकिन जब तक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला स्वयं आंदोलन के लिए दौसा आकर यहां के गुर्जर समाज से संपर्क नहीं करते, तब तक गुर्जर समाज उनके इशारों पर नेशनल हाईवे या रेलवे ट्रैक जाम नहीं करने वाला.
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गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि जब भी गुर्जर आरक्षण आंदोलन चढ़ता है तो उससे समाज की बदनामी भी होती है. साथ ही क्षेत्र में आर्थिक नुकसान भी होता है. लेकिन गुर्जर समाज की मजबूरी है कि युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें आंदोलन का रुख अपनाना पड़ता है, जिसके चलते गुर्जर समाज आरक्षण की आग में झुलसा है. इस बार गुर्जर समाज ने फैसला किया है कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पुत्र मोह छोड़कर गुर्जर समाज के साथ लगते हैं तो हम आंदोलन करने के लिए तैयार हैं. वरना गुर्जर समाज किसी के बहकावे में आकर हाईवे जाम करने की स्थिति में नहीं है.