दौसा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे निर्माण का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. अपनी जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसान 49 दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन इनकी सुध कोई नहीं ले रहा है. ऐसे में गुरुवार को किसानों ने एक बार फिर जिले के नेताओं और पुलिस पर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिले के राजनेता अपने गृह जिले में किसानों को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, जिससे बाहर से आई कंपनियां उनकी जमीनों को औने-पौने दाम देकर कब्जा कर रही हैं. किसान दिल्ली के नेताओं का विरोध प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. पुलिस प्रशासन किसानों के आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में किसानों ने जिले के स्थानीय नेता मंत्री ममता भूपेश, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा और बांदीकुई जीआर खटाणा का विरोध करते हुए आगामी चुनाव में उन्हें अपने क्षेत्र में नहीं घुसने देने का भी ऐलान कर दिया है. साथ ही कहा कि स्थानीय नेता क्षेत्र में वोट मांगने आते हैं तो उन्हें पत्थर मारेंगे.
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किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं का कहना है कि हम पिछले 49 दिन से भारत भूमि बचाओ आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे में किसानों की जमीन को एक्सप्रेस हाईवे निर्माण कंपनी किसानों को उनकी जमीन का ढाई गुना मुआवजा दे रही है. जबकि अन्य प्रदेशों में चार गुना तक मुआवजा दिया गया है.
ऐसे में पिछले 49 दिन से किसानों का आंदोलन सरकार और एक्सप्रेस हाईवे निर्माण कंपनी के खिलाफ जारी है. किसानों का कहना है कि इस आंदोलन को एक्सप्रेस हाईवे निर्माण कंपनी के दबाव में आकर पुलिस प्रशासन दबाने का प्रयास कर रहा है, जिसके चलते उन्होंने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. वहीं स्थानीय नेताओं पर भी किसानों का साथ नहीं देने का आरोप लगाते हुए आगामी चुनाव में उनका बहिष्कार कर क्षेत्र में नहीं घुसने का देने का ऐलान कर दिया.