दौसा. जिले में भारतीय किसान संघ के बैनर तले कई किसानों ने बिजली और पानी सहित कई मुद्दों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे.
किसानों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर बताया कि किसान लगातार बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, टिड्डी हमले और पाला गिरने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं. इस दौरान ब्याज मुक्त सहकारी ऋण में कटौती, गलत विजिलेंस कार्रवाई और विद्युत बिलों में मिलने वाले मासिक अनुदान को रोककर विद्युत बिलों में पेनाल्टी शुरू कर दी है. इस तरह किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाला काम किया गया है.
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किसानों का कहना है कि भाजपा शासनकाल में किसानों को जो अनुदान और रियायतें दी गई थीं, उनको भी बंद कर दिया गया है. किसानों के ऊपर अत्याचार करते हुए बिजली में भी दी गई रियायत को भी बंद कर दिया गया है, जिसके चलते इस दौर में जब बिजली का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तब भी हर महीने 2000 से 2500 रुपये बिल चुकाना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि सरकार ने दूध का दाम 6 रुपये प्रति लीटर कम करके किसानों की आय को कम कर दिया है. किसानों की आजीविका कृषि और पशुपालन से ही चलती है, लेकिन सरकार उसमें किसानों को तो अनुदान देने की बजाय उल्टा कम कर रही है. वहीं, सरकार ने किसानों से सहकारी बिक्री केंद्र के तहत चने की फसल में 52 हजार क्विंटल तक खरीदने की बात की थी, लेकिन उसमें भी 26 हजार क्विंटल तक ही खरीदा गया है, यानी घोषणा का 45 फीसदी ही अमल किया गया है.
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किसानों के मुताबिक सरकार किसानों को कहीं राहत देती नजर नहीं आ रही, जिससे प्रदेश के किसान पूरी तरह परेशान हैं. इसके चलते किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने विद्युत, सिंचाई, मुआवजा-अनुदान ऋण, मंडी-विपणन आदि से संबंधित समस्याओं के समाधान को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर सांकेतिक धरना देकर जमकर प्रदर्शन किया.