दौसा. डॉ अर्चना शर्मा नहीं रहीं. पूरा देश एक डॉक्टर की मौत पर गमजदा है. वो बेटी भी जो महज 8 साल की है. मां की मृत्यु ने उसे उम्र से पहले बड़ा कर दिया है. अब वो किसी के सामने रोती नहीं. उसे पापा और परिवार की फिक्र है. मां के लिए हो रहे 'प्रदर्शन' को अपने अंदाज में डिफाइन करती है इसे अवॉर्ड मानती है. ये सारे जज्बात शब्दों में पिरो कर संभावी ने एक चिट्ठी में लिख दिए हैं (Emotional Letter for Mum Doctor Archana Sharma). खत अंग्रेजी में लिखा गया है.
स्वर्गीय मां को एक बच्ची का लिखा खत (Daughter Sambhavi Pen Down Letter To Dead Mum Dr Archana) जो भी पढ़ रहा है उसके दिल में एक टीस सी उभर रही है. कॉपी के पन्ने पर लिखे खत के टॉप पर मम्मा लिखा हुआ है. खत की शुरुआत होती है मम्मा इज द बेस्ट से यानी मेरी मां सबसे अच्छी. फिर लिखा है- अगर मैं पूरी दुनिया की औरतों को काउंट करूं तो कोई भी मेरी मम्मा जैसी नहीं हो सकती क्योंकि मम्मा को बेस्ट होने का अवॉर्ड मिला है. वो दुनिया की सबसे बेस्ट मम्मा हैं. मैं नहीं रोती तो सबको लगता है कि मैं मम्मा को याद नहीं करती. लेकिन जानते हैं मैं क्यों नहीं रोती? क्योंकि मैं अगर रोती हूं तो मुझे देखकर सब रोने लग जाते हैं. मैंने मम्मा का क्यूट सा नाम रखा था. मैंने उनके 5 और नाम रखे थे. मैं उन्हीं से उनको बुलाती थी.
उन्हीं पांच नामों का जिक्र करते हुए वह मासूम ने अपनी मां को बाय-बाय लिख अलविदा कहा है. जयपुर में रहकर पढ़ाई करने वाली डॉ अर्चना शर्मा की 8 वर्षीय बेटी संभावी ने अपनी मां के नाम लिखी ये इमोशनल चिट्ठी अपनी एक फ्रेंड के साथ शेयर की. जिसने इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. संभावी के पिता डॉ सुनित उपाध्याय भी इस चिट्ठी को पढ़कर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पा रहे हैं.