दौसा. जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा है. देश में कोरोना का साया जरूर है, लेकिन कोरोना महामारी भी भक्तों की भक्ति और विश्वास को कम नहीं कर पाई है. बालाजी महाराज के भक्त हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए दरबार पहुंच रहे हैं. मंगलवार को धार्मिक नगरी मेहंदीपुर में हरियाणा के रोहतक और दिल्ली से आए भक्तों के पैदल जत्थे ने हाथों में बालाजी महाराज की लाल पताके लहराते हुए कोरोना से बेखौफ बालाजी पहुंचे हैं.
हालांकि कोरोना के चलते इस बार दशहरा पर्व की रौनक फिकी जरूर रही, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था कोरोना पर भारी पड़ रही है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते बालाजी मंदिर के पट बंद जरूर है, लेकिन श्रदालुओं के पैदल जत्थे निशान चढ़ाने हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और यूपी सहित देशभर से मेहंदीपुर बालाजी पहुंच रहे हैं. वहीं कोरोना महामारी के चलते भक्त अपने इष्ट देव के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं.
हालांकि मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों के लिए एलईडी के माध्यम से दर्शन की व्यवस्था की है. मंदिर बंद के दौरान पदयात्री लाल पताका दर्शनार्थ रेलिंग पर चढ़ा कर बालाजी की चौखट पर ढोक लगा रहे हैं. हाल ही में ट्रस्ट द्वारा संचालित बालाजी महाराज के लाइव दर्शनों में दर्शन कर सुख समृद्धि की मनौती मंग रहे हैं. गगौरतलब है कि आस्थाधाम में नवरात्रों से लेकर दिवाली तक अलग सी रौनक रहा करती थीं. पदयात्री डीजे ढोल के साथ बालाजी मोड़ से ही नाचते गाते धार्मिक नगरी पहुंचे हैं. दशहरे पर बालाजी मंदिर पर आधुनिक रंग बिरंगी रोशनी से सजावट की जाती है.
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स्वमंभू बालाजी महाराज को स्वर्ण आभूषण से विशेष श्रृगांर किया जाता है. मन्दिर परिसर, उदयपुरा चौक सहित मुख्य बाजार में हजारों श्रदालुओं की भीड़ मौजूद रहती थी, लेकिन कोरोना काल के चलते सब बेरंग सा हो गया है. रोहतक के पदयात्री रामनिवास ने बताया कि वे हर साल रोहतक से साथियों के साथ बालाजीधाम पैदल आते हैं. बालाजी महाराज के प्रति उनकी बचपन से आस्था है और वो आस्था कोरोना महामारी पर अडिग है. दिल्ली के अमनदीप ने बताया कि वो बालाजी महाराज के दर निशान चढ़ाने दिल्ली से पैदल चल बालाजी दरबार में आते हैं. मंदिर बंद होने पर वे इष्ट देव के दर पर आए हैं, लेकिन मंदिर ट्रस्ट ने लाइव दर्शनों की व्यवस्था से दर्शन लाभ मिले है और संक्रमण के चलते पदयात्रा सूक्ष्म रूप में आस्थाधाम पहुंची है.