दौसा. मजबूत इरादे और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो फिर कोई भी परिस्थिति आपको मुकाम हासिल करने से रोक नहीं सकती है. गरीबी से जूझ रहे दौसा के अरविंद मीना की सफलता की कहानी युवाओं के लिए नजीर है. अरविंद ने सारी कठिनाइयों को हराकर अपने मजबूत इरादों से भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता हासिल की है.
पूरे देश में लाखों बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन उनमें चुनिंदा होते हैं जो अपने लगन और मेहनत के बल पर सारी मुश्किलों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देते हैं और अपने सपने पूरे करते हैं. जिले के छोटे से गांव नाहर खोरा निवासी अरविंद मीना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. जिसके बाद मां ने BPL से मिलने वाले राशन और खेती-बाड़ी करके जैसे-तैसे अरविंद को पाल-पोस कर बड़ा किया.
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बचपन से ही मजबूत इरादे और बुलंद इच्छा शक्ति वाले अरविंद अपनी मां के कामों में हाथ बंटाते रहे, लेकिन उन्होंने अफसर बनने के अपने सपने को भी जिंदा रखा. आखिर वह दिन आ गया, जब गरीबी और मुसीबतें अरविंद का हौसला नहीं तोड़ पाईं और उन्होंने UPSC की परीक्षा में 676वीं रैंक प्राप्त की.
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अरविंद के परिवार की हालत आर्थिक रूप से इतनी खराब है कि उनके पास पक्का मकान भी नहीं है. वह पटोल पोस में अपनी मां और पत्नी के साथ रहते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में अरविंद ने अपने चयन को लेकर कहा कि ये गौरव की बात है. इस परीक्षा के माध्यम से देश के अच्छे स्थानों पर जाने का मौका मिलता है और पॉलिसी बनाने को मिलती है. जिससे समाज के लिए कुछ करने का मौका मिलता है.
सफलता का सारा श्रेय मां और मामा को दिया...
अरविंद मीना ने परीक्षा के दौरान आने वाली परेशानी को लेकर कहते हैं कि सभी के जीवन में कठिनाइयां आती हैं. हर कोई कठिनाइयों से ही संघर्ष करके आगे बढ़ता है. पिताजी के जाने के बाद मुश्किल समय था, लेकिन मेरे मामा ने मेरा और मेरी मां का बहुत सहयोग किया. मामा मेरे लिए पिताजी से बढ़कर हैं. उन्होंने बहुत मोटिवेट किया. मैं जिस मुकाम पर पहुंचा हूं, इसमें मां और मामा का बहुत बड़ा हाथ है.
BPL में शामिल है परिवार...
भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित अरविंद मीना का परिवार बीपीएल में शामिल है. बीपीएल से मिलने वाले राशन से ही परिवार का गुजर-बसर होता है.
पूरे गांव में खुशी की लहर...
अरविंद की भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, ग्रामीण उनके घर पहुंचने लगे. घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. ग्रामीणों ने अरविंद को माला पहनाकर उनकी जीत का जश्न मनाया.