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जलदाय विभाग ने नहीं ली सुध तो ग्रामीणों ने खुद उठाया जिम्मा, पिछले 7 साल से खुद भर रहे टंकी में पानी - जलदाय विभाग

दौसा के कंवरपुरा गांव में जलदाय विभाग की पानी टंकी की पाइप लाइन टूट जाने के बाद ग्रामीणों ने कई बार जलदाय विभाग को पाइप लाइन टूटने, सूखी पड़ी टंकी की शिकायत की, लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद ग्रामीणों ने जल संकट को गहराता हुआ देखकर अपने निजी स्तर पर स्वयं के निजी कुओं से पाइप लाइन डालकर टंकी को पानी से भरने का काम शुरू किया है.

Dausa news, Water supply department, water tank
प्रशासन की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने खुद भरना शुरू की पानी की टंकी
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Published : Sep 15, 2020, 9:14 AM IST

दौसा. लवण तहसील के कंवरपुरा गांव में सालों पहले बनी जलदाय विभाग की पानी की टंकी लंबे समय से पानी के लिए मोहताज है. ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग द्वारा बनाई गई इस पानी की टंकी में तकरीबन 7 वर्ष पूर्व पानी सप्लाई की पाइप लाइन टूट जाने के बाद टंकी में पानी आना बंद हो गया था. लंबे समय तक टंकी सूखी पड़ी है. ग्रामीण पानी के लिए परेशान है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार जलदाय विभाग को पाइप लाइन टूटने, सूखी पड़ी टंकी की शिकायत की है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की इस ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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प्रशासन की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने खुद भरना शुरू की पानी की टंकी

यह भी पढ़ें- Special: उदयपुर की झीलों में गंदगी का अंबार

ऐसे में कंवरपुरा के ग्रामीणों ने जल संकट को गहराता हुआ देखकर गांव के प्रमुख लोगों की एक टीम बनाई. पेयजल समस्या का समाधान करने का प्रयास किया. इस पर ग्रामीणों ने अपने निजी स्तर पर स्वयं के निजी कुओं से पाइप लाइन डालकर टंकी को पानी से भरने का काम शुरू किया है और कंवरपुरा की पानी की समस्या का समाधान किया है. ग्रामीणों द्वारा बनाई इस कमेटी ने अपने गांव से घर-घर जाकर चंदा उगा कर पाइप, मोटर और केबल लगाकर टंकी में पानी भरना शुरू किया है. इस कार्य के लिए 5 लोगों की ड्यूटी नियमित रूप से लगाई है.

ऐसे में अब गांव वालों सहित सड़क पर आने-जाने वाले और विद्यालय के बालक भी इसी टंकी से अपनी प्यास बुझाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सूखी पड़ी टंकी को लेकर जलदाय विभाग, विधायक और जिला कलेक्टर तक को भी कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन जब कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अपने स्तर पर ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया. जिसके चलते अब लगातार 7 साल से ग्रामीण अपने निजी स्तर पर टंकी को भरकर सैकड़ों लोगों की प्यास बुझा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- कोटा: एनसीबी ने पकड़ी 85 लाख कीमत की 2 किलो अल्प्राजोलम

ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग द्वारा लाखों रुपए की लागत से बनी टंकी में महज विभाग की तरफ से 3 साल ही पानी की सप्लाई की गई है. उसके बाद टंकी पानी के लिए लंबे समय से इंतजार कर रही थी. इस समस्या का ग्रामीणों ने अपने निजी स्तर पर समाधान निकाला है.

दौसा. लवण तहसील के कंवरपुरा गांव में सालों पहले बनी जलदाय विभाग की पानी की टंकी लंबे समय से पानी के लिए मोहताज है. ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग द्वारा बनाई गई इस पानी की टंकी में तकरीबन 7 वर्ष पूर्व पानी सप्लाई की पाइप लाइन टूट जाने के बाद टंकी में पानी आना बंद हो गया था. लंबे समय तक टंकी सूखी पड़ी है. ग्रामीण पानी के लिए परेशान है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार जलदाय विभाग को पाइप लाइन टूटने, सूखी पड़ी टंकी की शिकायत की है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की इस ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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प्रशासन की अनदेखी के बाद ग्रामीणों ने खुद भरना शुरू की पानी की टंकी

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ऐसे में कंवरपुरा के ग्रामीणों ने जल संकट को गहराता हुआ देखकर गांव के प्रमुख लोगों की एक टीम बनाई. पेयजल समस्या का समाधान करने का प्रयास किया. इस पर ग्रामीणों ने अपने निजी स्तर पर स्वयं के निजी कुओं से पाइप लाइन डालकर टंकी को पानी से भरने का काम शुरू किया है और कंवरपुरा की पानी की समस्या का समाधान किया है. ग्रामीणों द्वारा बनाई इस कमेटी ने अपने गांव से घर-घर जाकर चंदा उगा कर पाइप, मोटर और केबल लगाकर टंकी में पानी भरना शुरू किया है. इस कार्य के लिए 5 लोगों की ड्यूटी नियमित रूप से लगाई है.

ऐसे में अब गांव वालों सहित सड़क पर आने-जाने वाले और विद्यालय के बालक भी इसी टंकी से अपनी प्यास बुझाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सूखी पड़ी टंकी को लेकर जलदाय विभाग, विधायक और जिला कलेक्टर तक को भी कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन जब कहीं से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अपने स्तर पर ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया गया. जिसके चलते अब लगातार 7 साल से ग्रामीण अपने निजी स्तर पर टंकी को भरकर सैकड़ों लोगों की प्यास बुझा रहे हैं.

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ग्रामीणों का कहना है कि जलदाय विभाग द्वारा लाखों रुपए की लागत से बनी टंकी में महज विभाग की तरफ से 3 साल ही पानी की सप्लाई की गई है. उसके बाद टंकी पानी के लिए लंबे समय से इंतजार कर रही थी. इस समस्या का ग्रामीणों ने अपने निजी स्तर पर समाधान निकाला है.

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