चूरू. जिले के सरदारशहर में रोलासर की 25 वर्षीय मैना देवी ने एक नसबंदी शिविर में नसबंदी करवाई थी. यह शिविर बीदासर के एक एनजीओ के द्वारा लगाया गया था. नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी और उसे चूरू अस्पताल के लिए रैफर किया गया. जहां उसकी मौत हो गई. वहीं महिला की मौत के बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया.
जानकारी अनुसार शिविर को लेकर करीब 200 महिलाओं को बुलाया गया था, तो वहीं टीम के द्वारा 80 महिलाओं को ऑपरेशन के लिए चयन किया गया था. करीब 40 महिलाओं के बाद रोलासर की इस महिला का ऑपरेशन के लिए नंबर आया. ऑपरेशन के बाद 25 वर्षीय मैना का रक्तस्राव होने लगा. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टरों ने गंभीर हालत में महिला को चूरू के राजकीय भर्तियां अस्पताल रैफर कर दिया. यहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही महिला ने दम तोड़ दिया.
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वहीं मामला बढ़ता और बिगड़ता देख अस्पताल से एनजीओ टीम ही गायब हो गई. महिला के परिजनों ने कहा कि अस्पताल की लापरवाही से मैना की मौत हुई है. साथ ही परिजनों ने लापरवाहों के खिलाफ सख्त कारवाई करने की मांग की है.
दरअसल सरदारशहर के राजकीय अस्पताल में नसबंदी का काम चिकित्सा विभाग ने बिदासर के एक एनजीओ को दे रखा है. महिला की मौत का कौन जिम्मेदार और किसकी लापरवाही से महिला की मौत हुई यह सब तो जांच का विषय है. लेकिन एक सत्य यह भी है कि जिम्मेदारों की लापरवाही ने तीन मासूम बच्चों के सर से मां का साया उठा दिया.