चूरूः हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पुलिस तंत्र को पुलिस अधिकारी नही बिगड़ैल अपराधी और जनप्रतिनिधि चला रहे हैं. साहवा थाने के हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह को अपने आपको जनप्रतिनिधि बताने वाले भुवाड़ी सरपंच और उसके साथी ने धमकी दी थी और हेड कांस्टेबल की ओर से इसका विरोध करने पर SHO की रिकमंड पर एसपी ने हेड कांस्टेबल को ही लाइन हाजिर कर दिया.
चूरू पुलिस के हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. जनप्रतिनिधियों की ओर से हेड कांस्टेबल को धमकी देना और फिर आला अफसरो की तरफ से हेड कांस्टेबल को ही लाइन हाजिर कर देना सरकार और सिस्टम पर सवालिया निशान लगा रहा है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुलिस की पिटाई सरेआम बात हो गई है. अपराध और अपराधी बेखौफ हो गए हैं और इसी का परिणाम रहा कि एक जनप्रतिनिधि एक सरपंच सत्ता के मद में चूर होकर एक कर्तव्यनिष्ठ हवलदार के साथ गाली गलौच करता है, बदतमीजी करता है और रोजनामचे में रपट लिखने पर उसी हवलदार को लाइन हाजिर किया जाता है और हवलदार डूंगर सिंह अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए अपना प्रार्थना पत्र एसपी को प्रस्तुत करता है.
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राठौर ने कहा रि यह बानगी है की अपराधियो ने किस प्रकार पुलिस तंत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया है. उन्होंने कहा इससे बड़ा दुर्भाग्य आज हो नहीं सकता की आज राजस्थान में पुलिस तंत्र को पुलिस अधिकारी नहीं एक प्रकार से बिगड़ैल अपराधी और जनप्रतिनिधि चला रहे है. राठौड़ ने कहा यह कानून व्यवस्था का घिनौना मजाक है.
एसपी ने दिया खराब स्वास्थ्य का हवाला
हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह के मामले को जब ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया और चूरू एसपी से डूंगरसिंह को लाइन हाजिर करने की वजह पूछी, तो चूरू एसपी इसका जवाब नहीं दे पाए और डूंगरसिंह को लाइन हाजिर करने की वजह उनके स्वास्थ्य का हवाला दे दिया, जबकि सच तो यह है कि ईटीवी भारत को खुद हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह ने बताया था कि जनप्रतिनिधियों की ओर से उन्हें धमकाना और फिर उन्हें ही SHO की रिकमंड पर लाइन हाजिर करने का सदमा वह सहन नहीं कर पा रहें और इसके चलते वह अब मानसिक तनाव में हैं और दबाव की नौकरी से परेशान होकर उन्होंने समय से पहले ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति की अर्जी दाखिल की है.
यह था मामला
जिले के साहवा पुलिस थाने में तैनात हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह ने बताया कि मारपीट के एक मामले की वह जांच कर रहे थे. इसी मामले को लेकर अपने आप को जनप्रतिनिधि बताने वाले भुवाड़ी सरपंच शीशराम और अली शेर ने फोन कर मामले को रफा-दफा करने की हेड कांस्टेबल से बात कही और कहा की मामले में आगे कारवाई नहीं करनी है और ना ही चालान करना है, मामला जहां है वहीं रफा दफा कर दो, जिस पर हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह ने कहा की अनुसंधान में जो भी तथ्य पाए जाएंगे उसके अनुरूप होगा, अगर निर्दोष है तो कार्रवाई नहीं होगी और दोषी है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी, जिस पर तिलमिलाएं और अपने आप को जनप्रतिनिधि बताने वाले आरोपियों ने हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह को गालियां दी और उनकी बेटी के साथ गलत काम करने की धमकी दी.
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वहीं, हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह ने अपने साथ हुए इस पूरे घटनाक्रम को साहवा थाने के एचएम को बताया तो थाने के एचएम ने हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह के पास आए फोन नंबर पर फोन किया तो आरोपियों ने वही बात फिर से दोहराई और हेड कांस्टेबल की बेटी के साथ गलत काम करने की धमकी दी, जिसके बाद हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह ने यह सारा मामला साहवा थाने के रोजनामचा में रपट अंकित कर दी और इसके बाद तिलमिलाए आरोपियो ने अपना रसूख दिखाया और थानाधिकारी की रिकमंड पर हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह को लाइन हाजिर करवा दिया.
धमकी देने वाले अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर
हेड कांस्टेबल डूंगरसिंह को फोन कर उनकी बेटी के साथ गलत काम करने की धमकी देने वाले आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं. पीड़ित हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह ने साहवा पुलिस थाने में 12 जनवरी को धमकी देने वाले दो आरोपियों के खिलाफ मानसिक प्रताड़ित करना, राजकार्य में बाधा पहुंचाना और धमकी देने का मामला दर्ज करवाया था, लेकिन मामला दर्ज हुए 15 दिन बीत जाने के बाद भी साहवा पुलिस ने मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.