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सेना के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह में शहीदों को किया नमन, शहीद की वीरांगनाओं को किया सम्मानित

वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की ऐतिहासिक विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में चूरू में सेना का स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह उत्साह पूर्वक आयोजित किया गया. युद्ध में शहीद हुए शहीदों के घर के आंगन से मिट्टी एकत्रित कर उसे नेशनल वॉर मेमोरियल में रखा जाएगा. चूरू के केंद्रीय विद्यालय में आयोजित हुए समारोह में शहीदों को उनकी शौर्य गाथा के साथ याद किया गया.

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Published : Apr 3, 2021, 3:26 PM IST

Victory Year Celebration, चूरू के केंद्रीय विद्यालय में आयोजन
शहीदों की वीरांगनाओं को किया सम्मानित

चूरू. जिले में रणबांकुरा डिवीजन की और से 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह का आयोजन किया गया. शनिवार को स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा एक्स सर्विसमेन कैंटीन चूरू से शहीद स्मारक होते हुए केंद्रीय विद्यालय पहुंची. यहां 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष में केंद्रीय विद्यालय में आयोजित हुए सेना के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह में शहीदों को उनकी शौर्य गाथा के साथ याद किया गया और शहीद की वीरांगनाओं को शॉल देकर सम्मानित किया गया.

विजय वर्ष समारोह में शहीदों को किया नमन

पढ़ें: SP तेजस्विनी गौतम ने ली क्राइम मीटिंग, कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के दिए निर्देश

लेफ्टिनेंट कर्नल जीएस आर्य ने बताया कि 1971 के युद्ध में सम्मिलित वीरों के घर यह मशाल ले जाई जा रही है और उन शहीदों के घर के आंगन से मिट्टी एकत्रित कर उसे नेशनल वॉर मेमोरियल में रखा जाएगा.उन्होंने कहा कि चूरू की भूमि ने कई वीर सपूतों को जन्म दिया है जिन्होंने सदैव मातृभूमि की रक्षा को अपना परम दायित्व समझा और अवसर मिलने पर युद्ध कौशल और साहस का परिचय देकर राजस्थान का नाम रोशन किया.

उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की थी जिसके चलते बांग्लादेश का निर्माण हुआ था इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था जो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी भी सेना द्वारा किया गया सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था.भारतीय सेना की इसी जीत के लिए साल 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहे हैं.उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल से ज्योति प्रज्वलित करके इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्वलित कर इन्हें भारत के विभिन्न प्रांतों में जन दर्शन हेतु ले जाया जा रहा है

चूरू. जिले में रणबांकुरा डिवीजन की और से 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह का आयोजन किया गया. शनिवार को स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा एक्स सर्विसमेन कैंटीन चूरू से शहीद स्मारक होते हुए केंद्रीय विद्यालय पहुंची. यहां 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष में केंद्रीय विद्यालय में आयोजित हुए सेना के स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह में शहीदों को उनकी शौर्य गाथा के साथ याद किया गया और शहीद की वीरांगनाओं को शॉल देकर सम्मानित किया गया.

विजय वर्ष समारोह में शहीदों को किया नमन

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लेफ्टिनेंट कर्नल जीएस आर्य ने बताया कि 1971 के युद्ध में सम्मिलित वीरों के घर यह मशाल ले जाई जा रही है और उन शहीदों के घर के आंगन से मिट्टी एकत्रित कर उसे नेशनल वॉर मेमोरियल में रखा जाएगा.उन्होंने कहा कि चूरू की भूमि ने कई वीर सपूतों को जन्म दिया है जिन्होंने सदैव मातृभूमि की रक्षा को अपना परम दायित्व समझा और अवसर मिलने पर युद्ध कौशल और साहस का परिचय देकर राजस्थान का नाम रोशन किया.

उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की थी जिसके चलते बांग्लादेश का निर्माण हुआ था इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था जो कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किसी भी सेना द्वारा किया गया सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था.भारतीय सेना की इसी जीत के लिए साल 2021 को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहे हैं.उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित नेशनल वार मेमोरियल से ज्योति प्रज्वलित करके इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. स्वर्णिम विजय मशाल को प्रज्वलित कर इन्हें भारत के विभिन्न प्रांतों में जन दर्शन हेतु ले जाया जा रहा है

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