चूरू. राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले 18 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे और अनशन पर बैठे उर्दू समर्थकों ने मंगलवार को धरनास्थल पर सद्बुद्धि यज्ञ कर आहुति दी और सत्ता में बैठे राजनेताओं के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया.
क्रमिक अनशन पर बैठे प्रदर्शनकर्ताओं ने कहा उर्दू भाषा हमारा हक है, हम लेकर रहेंगे. जिन्होंने चुनावों के समय बड़े बड़े वादे किए, आज वो अपने वादे भूल गए. प्रदेश सरकार उर्दू भाषा के साथ भेद भाव कर रही है, लेकिन राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति उर्दू हितों के लिए काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहा है. जब तक हमारी ग्यारह सूत्री मांगें नहीं मानी जाती है, तब तक हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा. बता दें कि 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे उर्दू समर्थक 9 जुलाई से क्रमिक अनशन पर हैं.
ये है प्रदर्शनकर्ताओं की मांगें...
- प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.
- प्रदेश भर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए
- प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए.
- प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं.
- राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए