चूरू. स्क्रिप्ट, गीत और संवाद लेखक रामकुमार सिंह ने रविवार को चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लाइव सेशन में अपने विचार साझा किए. फतेहपुर शेखावाटी अंचल के रामकुमार सिंह ने अपनी बातचीत चूरू और अपने गांव के खेत से शुरू की और यही बातें खेत-खलिहान से गुजरते हुए माया नगरी मुंबई तक पहुंची. इस दौरान रामकुमार सिंह ने कहा कि जीवन में कदम-कदम पर संघर्ष होता है. उन्होंने कहा कि यह मानकर चलना चाहिए कि योग्यता जन्मजात नहीं होती है, हमें योग्यता अर्जित करनी होती है.
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पत्रकारिता से लेकर फिल्म लेखन तक बातें करने वाले राम कुमार सिंह ने कहा कि हमें इस कोरोना संक्रमण काल में यही कोशिश करनी चाहिए कि आदमी की आदमियत कैसे बची रहे. रिश्तो में नमक को बचा कर रखना ही हमारा प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए. हमें इस संक्रमण काल में अपनी संवेदनशीलता और मानवता को बचा के रखना होगा. सिंह ने कहा कि यह हम सभी की बतौर नागरिक जिम्मेदारी है कि इस बीमारी से लड़े बीमार से नहीं, क्योंकि हमें अंत में व्यक्ति चाहिए, बातें करने वाले चाहिए, इसी से हमें समझ लेना चाहिए कि मानवता को बचा कर रखना होगा.
सरकार-3 के डायलॉग्स लिखते समय दबाव था
राम कुमार सिंह ने कहा कि सरकार-3 के डायलॉग्स लिखते समय उन पर दवाब था, लेकिन यह दबाव इसलिए नहीं था कि वह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के लिए डायलॉग लिख रहे हैं. बतौर लेखक किसी भी स्क्रिप्ट को लिखते समय एक लेखक पर दबाव होता है.
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता
रामकुमार सिंह ने कहा कि आज के युवा जो फिल्म और टेलीविजन में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए सबसे बेहतर मूलमंत्र यही है कि वह मेहनत से नहीं डरे. उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. वह दुनिया की सौ बेस्ट फिल्में देखें दुनिया की बेहतरीन 100 किताबें पढ़ें और दुनिया की बेहतरीन जीवनियां पढ़ें.