तारानगर (चूरू). जिले में साहवा के युवाओं द्वारा गठित कोविड-19 वालंटियर टीम द्वारा 25 मार्च से बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रहा, हालांकि इस माहामारी के चलते हर क्षेत्र के समाजसेवी जरूरतमंदों की सेवा कर रहे है पर साहवा की टीम द्वारा किया जा रहा सेवा कार्य अलग और सराहनीय है.
टीम द्वारा अब तक जरूरतमंद मजदूर वर्ग में 700 के करीब राशन सामग्री की किट घर-घर जाकर वितरित किया जा रहा है. इस के साथ ही साहवा के 30 किलोमीटर तक के क्षेत्र में बीमार लोग जिनका इलाज बीकानेर, जयपुर, हिसार, चूरू, सरदारशहर, तारानगर से चल रहा है, उनको निस्वार्थ भाव से दवाइयां उनके घर पर उपलब्ध कराई जा रही है.
इसके लिए उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप बना कर उस क्षेत्र के सभी गाड़ी मालिकों और ड्राइवर के नंबर एड कर उनसे विनती कर के कहा है कि आपकी गाड़ी की अनुमति लेकर आप कही भी जाए तो आप ग्रुप में सूचित करे. वहीं ड्राइवर भाई भी निस्वार्थ भाव से उन के लिए दवा लेकर आते है और मरीज के घर तक पहुंचाते हैं.
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वालंटियर टीम के सदस्य महावीर सैनी ने बताया कि लॉकडाउन होने के साथ ही हमने एक टीम बनाई है. जिसमें साहवा के सभी वर्ग और समाज के लोग शामिल है. हमने अन्य लोगों से हटकर अलग तरह से काम किया है, हमने प्रत्येक वार्ड से 5 से 10 व्यक्ति लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया है. उन सबका व्यक्तियों का काम है अपने क्षेत्र के जरूरतमन्द की पहचान कर उसे ग्रुप में सूचित करना. उसके बाद एक टीम तीन बजे तक ये पहचान करती हैं कि वास्तव में ये जरूरतमंद है. हमारी टीम का एक सदस्य कम्प्यूटर ऑपरेट करता है और हर दिन सूची तैयार करता है और उस सूची के हिसाब से एक माह की राशन सामग्री हमारी गाड़ी द्वारा उस घर तक पहुंचायी जाती है. जिसमें आटा, चावल, दाल, पापड़, तेल सहित सभी प्रकार का मसाला शामिल है.
आमजन की सेवा के लिए रोडवेज का सफर फिर जारी
लॉकडाउन में परिवहन पर रोक के बाद राज्य सरकार के निर्देशानुसार फिर सड़कों पर चलती नजर आई और लम्बे समय बाद सवारियों को जिले में लाने ले जाने का कार्य फिर आरम्भ हो गया, हालांकि बहुत सी बसों में 2-2, 4-4 सवारियां ही बैठी नजर आई. वहीं कुछ बसों में 15 से 20 सवारियां सफर करती नजर आई है.
कम सवारियां होने की मुख्य वजह लॉकडाउन के चलते लोग घरों से कम निकल रहे है. साथ ही बहुत जरूरी कार्य होने पर सफर कर रहे हैं और लॉकडाउन पालना में बस स्टैंड पर भी भीड़ कम ही है.
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परिचालक जसवंत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार और जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार राजस्थान रोडवेज ने अपनी सेवाएं ग्रीन जोन में आरम्भ की. हालांकि बस में सरकार के निर्देशों की पालना करते हुऐ सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और बस में सवार होने से पहले सवारियों और बस के हैंडल को सैनिटाइज किया जाता है. साथ ही बस में निश्चित दूरी पर उनको बैठाया जाता हैं.