चूरू. राज्यसभा चुनाव को लेकर हो रही सियासत को देखते हुए राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जन्म से ही सरकार में अंतर्द्वंद था. मुख्यमंत्री बनाने में ही आलाकमान को भारी मशक्कत करनी पड़ी थी. तभी से दो पावर सेंटर बने हुए हैं. कांग्रेस विधायक दल में प्रबल असंतोष है और उस असंतोष के कारण ही सत्ता में बैठे मुख्यमंत्री जी को किलाबंदी करनी पड़ रही है. राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में पहला मौका है, जब राज्यसभा चुनाव से 1 सप्ताह से भी ज्यादा समय से पहले इस प्रकार की बाड़ाबंदी की गई है.
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राठौड़ ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में राज्य सरकार ने अध्यादेश निकाल रखा है. उसके तहत शादी ब्याह में भी 50 से ज्यादा व्यक्ति इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. मृत्यु होने पर भी 20 से ज्यादा लोगों को अनुमति नहीं है. उसी बीच में सरकार 200 लोगों के साथ आमोद प्रमोद में पांच सितारा होटल में बैठी हुई है. मैं समझता हूं ना नियम हैं, ना कायदे हैं. डगमगाती हुई कुर्सी को बचाने के लिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं भारतीय जनता पार्टी पर, जबकि सरकार अपने बोझ से खुद ही परेशान और हैरान है.
जांच के बहाने हमारे फोन टैप करवा रही सरकार
एसीबी में जांच, एसओजी में जांच, इस बहाने से प्रदेश की गहलोत सरकार विपक्ष के लोगों का टेलीफोन टेप करवा रही है. उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि भयभीत होने की आवश्यकता नहीं, सरकार में बैठे लोगों के पास अगर कोई प्रमाण है तो प्रमाण को बाहर लोगों के सामने प्रकट करना चाहिए.