चूरू. प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच नेता एक दूसरे पर पलटवार कर रहे हैं. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने अपने चूरू आवास पर प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि अंतर्विरोध से घिरी कांग्रेस सरकार ने राजस्थान की आठ करोड़ जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है और अपने विधायकों की पांच सितारा होटल में किलेबंदी कर रखी है. पांच सितारा होटल की मौज मस्ती में डूबे विधायकों को जनता से कोई सरोकार ही नहीं है.
राठौड़ ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें सीएम गहलोत ने जैसलमेर में विधायकों की बाड़े बंदी के बाद बयान दिया था कि विधायकों को जयपुर से जैसलमेर इसलिए शिफ्ट करना पड़ा कि जयपुर में उन्हें धमकियां मिल रही थी. जिस वजह से होटल में ठहरे सभी विधायक मानसिक रूप से प्रताड़ित थे. सीएम के इसी बयान पर राठौड़ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा करता हूं, जब मुख्यमंत्री अपने विधायकों के प्रति इस तरह की बातें करते हैं तो राजस्थान में आमजन किस प्रकार की कानून व्यवस्था के बुरे दौर से गुजर रहा होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्यसभा चुनाव के समय 12 दिनों तक विधायकों को बाड़ेबंदी में रखा था. अब जयपुर में 18 दिन बाड़ेबंदी में विधायकों को रखा गया. दो चरणों में कांग्रेस ने पांच सितारा होटल में अपना 1 महीने का समय पूरा कर लिया. जो अब पॉलिटिकल क्वॉरेंटाइन में जैसलमेर भेजे गए विधायकों के रूप में अनिश्चित समय तक जारी है.
पढ़ें: CM गहलोत खुद इस्तीफा दें, उन्हे इस्तीफा मांगने का नैतिक अधिकार नहीं: सतीश पूनिया
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 42 हजार के पार हो गई है. 680 से ज्यादा मौतें हो गई, लेकिन राज्य सरकार जनता के इन सभी कष्टों पर आंखें मूंदकर अदृश्य हो गई. आलीशान होटल में मौज मस्ती का करने के बाद जब सत्ता दल से जुड़े विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में वापस आएंगे तो उनका स्वागत किस प्रकार किया जाएगा, इसकी सभी विधायक पांच सितारा होटल में बैठकर कल्पना कर रहे होंगे, जिसके फलस्वरूप ही वे मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.