चूरू. विद्युत विभाग में निजीकरण के खिलाफ अब आवाज मुखर होने लगी है. बुधवार को जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के बैनर तले निजीकरण के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम अधीक्षण अभियंता और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि पांचों निगमों में अलग-अलग नाम से निजीकरण का दौर चलाया जा रहा है. अजमेर डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम और जयपुर डिस्कॉम को वर्तमान में FRT और एमबीसी के माध्यम से निजी किया जा रहा है.
प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि प्रसारण निगम में कस्टम के माध्यम से जीएसएस निजीकरण किया जा रहा है और उत्पादन निगम की इकाइयों में भी निजीकरण का दौर चल रहा है. इन सब प्रयासों के बावजूद भी निगम का घाटा कम नहीं हुआ है, बल्कि दिनों दिन घाटा कम होने की बजाए बढ़ा है. वर्तमान में अजमेर डिस्कॉम के अलावा बांसवाड़ा में एमबीसी और जोधपुर डिस्कॉम चूरू में FRT और एमबीसी के माध्यम से विद्युत व्यवस्था निजी हाथों में सौंपी जा रही है. जिससे राजस्थान के पांच निगमों के विद्युत निगमों के श्रमिकों में भारी रोष है.
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ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि लंबे समय से ठेके पर कार्य कर रहे श्रमिकों को स्थाई किया जाए और श्रमिकों की कमी रहती है, तो अन्य श्रमिकों की भर्ती की जाए और विद्युत निगम और निगमों की संपत्ति को निजी हाथों में जाने और निगम को समाप्त होने से बचाया जा सके. प्रदर्शन कर रहे कार्मिकों ने कहा कि अगर निजीकरण का यह दौर बंद नहीं हुआ, तो प्रदेश के समस्त विद्युत कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी.