चूरू. मंगलवार को यात्री वाहनों पर बढ़ाए भार का विरोध करते हुए निजी बस संचालकों ने जिला कलक्ट्रेट के आगे प्रदर्शन किया, साथ ही अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र एडीएम को सौपा. इसके साथ ही बढ़े भार को समाप्त करने की मांग के विरोध में मंगलवार को निजी बस संचालकों ने बसों के पहिए थामे रखे. राज्य में प्रत्येक वर्ग के वाहनों पर कर बढ़ा दिए जाने के विरोध में प्राइवेट बस यूनियन के संचालकों का मंगलवार को गुस्सा फूट पड़ा.
इसके विरोध में मंगलवार को एक भी निजी बस संचालित नहीं की गई. जिसके कारण वर्षों से आबाद रहने वाला पुराना बस स्टैंड मंगलवार को वीरान सा नजर आया. जानकारी अनुसार निजी बस यूनियन के संचालकों ने बढ़ाए गए भार के विरोध में एकत्रित होकर बसों का संचालन बंद कर दिया.
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इसके बाद वह जुलुस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे यहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. करीब एक घंटे प्रदर्शन करने के बाद यूनियन के पदाधिकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर इस भार वृद्धि को समाप्त करने की मांग की. इसके बाद यूनियन के पदाधिकारी जिला परिवहन कार्यालय पहुंचे जहां पर परिवहन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया.
ये हैं प्रमुख मांगे:
- एक मार्ग पर चलने वाली बसों का कर एक समान किया जाए.
- टूरिस्ट पर चलने वाली बसों का टैक्स 34 हजार रुपए ही किया जाए.
- लोक परिवहन सेवा बसों की कर सीमा वापस 30 हजार रुपए ही की जाए.
- अंतर राज्य मार्गों पर चलने वाली बसों के लिए अलग से टैक्स सिलेब बनाई जाए.
- नियम 4D के अंतर्गत 11 महीने का टैक्स भरने पर 12 वे महीने में मिलने वाली 75 प्रतिशत छूट वापस दिलाई जाए.
- स्टेज कैरिज बसों की कर दर वर्तमान स्लैब तीन सौ से 560 रुपए के स्थान पर 200 एवं 350 रुपए प्रति सीट की जाए