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चूरू: दुष्कर्म मामले में एक हफ्ते चली सुनवाई, 7वें दिन आरोपी को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

जिले में चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 7वें दिन फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने आरोपी दयाराम को उम्रकैद के साथ ही 50 हजार के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए लिखा कि नाबालिग बच्चियों के साथ बढ़ रही यौन घटनाओं को देखते हुए आरोपी किसी भी प्रकार की दया का पात्र नहीं है.

पॉक्सो कोर्ट ने 7वें दिन सुनाई उम्रकैद की सजा, pocso court sentenced to life imprisonment on 7th day
पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को सुनाई उम्रकैद की सजा
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Published : Dec 17, 2019, 7:14 PM IST

चूरू. पॉक्सो कोर्ट ने जिले के एक गांव में 30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही 4 साल की मासूम के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में 6 दिनों के ट्रायल के बाद 7वें दिन फैसला सुना दिया है. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सैनी ने 21 वर्षीय आरोपी दयाराम को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.

पॉक्सो कोर्ट ने 7वें दिन सुनाई उम्रकैद की सजा

राजस्थान के न्यायिक इतिहास में यह पहला मामला होगा, जिसमें पॉक्सो कोर्ट ने इतने कम दिनों में सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने अपनी टिप्पणी करते हुए लिखा कि दिन प्रतिदिन नाबालिग बच्चियां के साथ बढ़ रहे यौन अपराधों की घटनाओं को देखते हुए अभियुक्त किसी प्रकार की दया का अधिकारी प्रतीत नहीं होता. वहीं, चूरू के किसी भी वकील ने आरोपी दयाराम की पैरवी नहीं की.

पढ़ें- चूरू: मासूम से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट सुनाएगी सिर्फ 6 दिन में फैसला

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक 15 गवाहों के बयान लेख बंद किए. इन गवाहों में तीन चश्मदीद गवाह और एक अंतिम दृश्य गवाह भी शामिल थे. इस मामले की महत्वपूर्ण बात यह रही कि पुलिस ने 6 दिनों में कोर्ट में चालान पेश किया 6 दिनों के अल्प समय में ही FSL रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई.

साथ ही 6 दिनों में ही पॉक्सो कोर्ट ने मामले पर विचार करते हुए FSL रिपोर्ट में पीड़िता के वस्त्रों पर आरोपी का सीमन पाया. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी दयाराम को मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया.

चूरू. पॉक्सो कोर्ट ने जिले के एक गांव में 30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही 4 साल की मासूम के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में 6 दिनों के ट्रायल के बाद 7वें दिन फैसला सुना दिया है. पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सैनी ने 21 वर्षीय आरोपी दयाराम को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.

पॉक्सो कोर्ट ने 7वें दिन सुनाई उम्रकैद की सजा

राजस्थान के न्यायिक इतिहास में यह पहला मामला होगा, जिसमें पॉक्सो कोर्ट ने इतने कम दिनों में सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने अपनी टिप्पणी करते हुए लिखा कि दिन प्रतिदिन नाबालिग बच्चियां के साथ बढ़ रहे यौन अपराधों की घटनाओं को देखते हुए अभियुक्त किसी प्रकार की दया का अधिकारी प्रतीत नहीं होता. वहीं, चूरू के किसी भी वकील ने आरोपी दयाराम की पैरवी नहीं की.

पढ़ें- चूरू: मासूम से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट सुनाएगी सिर्फ 6 दिन में फैसला

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक 15 गवाहों के बयान लेख बंद किए. इन गवाहों में तीन चश्मदीद गवाह और एक अंतिम दृश्य गवाह भी शामिल थे. इस मामले की महत्वपूर्ण बात यह रही कि पुलिस ने 6 दिनों में कोर्ट में चालान पेश किया 6 दिनों के अल्प समय में ही FSL रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई.

साथ ही 6 दिनों में ही पॉक्सो कोर्ट ने मामले पर विचार करते हुए FSL रिपोर्ट में पीड़िता के वस्त्रों पर आरोपी का सीमन पाया. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी दयाराम को मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया.

Intro:चूरू__पोक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में पेश की नजीर,चार साल की मासूम से दुष्कर्म मामले में सात दिनों में फैसला,पॉक्सो कोर्ट के इस फैसले के बाद ना केवल अपराधियो में ख़ौफ़ होगा अपितु आमजन में भी न्याय को लेकर विश्वास बढ़ेगा. चूरू जिले के गांव में 30 नवम्बर को घर के बाहर खेल रही चार साल की मासूम बच्ची को सुनसान जगह ले जाकर दिया आरोपी ने वारदात को अंजाम. 21 वर्षीय आरोपी दयाराम को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा।




Body:चूरू की पॉक्सो कोर्ट ने जिले के गांव में 30 नवंबर को घर के बाहर खेल रही 4 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले में 6 दिनों की ट्रायल के बाद सातवें दिन फैसला सुना दिया है पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सैनी ने 21 वर्षीय आरोपी दयाराम को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है संभवत राजस्थान के न्यायिक इतिहास में पॉक्सो कोर्ट का यह पहला मामला होगा जिसमें 4 साल की मासूम से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने त्वरित विचारण करते हुए इतने कम दिनों में सजा सुनाई इस मामले में कोर्ट ने अपनी टिप्पणी करते हुए लिखा कि दिन प्रतिदिन नाबालिक बच्चियां विशेष रूप से अबोध बच्चियों के साथ बढ़ रहे योन अपराधों की घटनाओं को देखते हुए अभियुक्त किसी प्रकार की नरमी का अधिकारी प्रतीत नहीं होता इधर चूरू के किसी भी वकील ने आरोपी दयाराम की पैरवी नहीं की।


Conclusion:मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक 15 गवाहों के बयान लेख बंद किए इन गवाहों में तीन चश्मदीद गवाह , एक अंतिम दृश्य गवाह भी शामिल थे इस मामले की महत्वपूर्ण बात यह रही कि पुलिस ने 6 दिनों में कोर्ट में चालान पेश किया 6 दिनों के अल्प समय में ही एफएसएल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई तथा 6 दिनों में ही पॉक्सो कोर्ट ने मामले का विचारण किया एफएसएल रिपोर्ट में पीड़िता के वस्त्रों पर सीमन पाया गया आरोपी दयाराम के पिता श्योदान को भी साल 2014 में दुष्कर्म के एक मामले में सजा हुई थी

बाईट_वरुण सैनी, विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट चूरू
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