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चूरू: नई आबकारी नीति का शराब व्यवसायियों ने जताया विरोध, अधिकारी को सौंपा ज्ञापन - नई आबकारी नीति का विरोध

चूरू के आबकारी ऑफिस के सामने बुधवार को शराब व्यापारियों ने नई आबकारी नीति का विरोध जताया. व्यापारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

चूरू की खबर, new liquor excise policy
आबकारी ऑफिस के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे व्यापारी
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Published : Feb 12, 2020, 10:55 PM IST

चूरू. जिला मुख्यालय के हनुमानगढ़ी रोड़ स्थित आबकारी ऑफिस के आगे बुधवार को शराब व्यापारियों ने नई आबकारी नीति का विरोध जताया. व्यापारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन कर रहे शराब व्यापारियों का कहना है, कि नई आबकारी नीति वर्ष 2020-21 पूर्ण रूप से शराब व्यापारियों के खिलाफ है.

नई आबकारी नीति का शराब व्यवसायियों ने जताया विरोध

इस नीति से शराब व्यवसाय को वर्ष 2020-21 में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. इसकी खामी ये है, कि जिले के व्यापारियों को 23 करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है , जो उनके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. क्योंकि वर्ष 2019-20 में भी शराब दुकानों की गारंटी पूरी नहीं निकल रही.

ऐसे में 23 करोड़ रुपए देने के कारण शराब दुकानों की हालत खस्ता हो जाएगी. अगर जिले की 174 दुकानों में 23 करोड़ रुपए के टारगेट को डिवाइड किया जाए तो लगभग हर दुकान के 14 लाख रुपए हिस्से में आएंगे.

नए आबकारी अधिनियम के तहत राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब 30 फीसदी शराब व्यापारियों को उठानी अनिवार्य की. वहीं साल 2019-20 में 5 फीसदी ही अनिवार्य की गई. जिसकी शराब दुकानों पर बिक्री नहीं होती थी. वहीं नई आबकारी नीति के अनुसार अब शराब दुकानों पर पीओएस बारकोड स्कैन की मशीनें लगाने का निर्णय लिया गया है. इन मशीनों से शराब ठेकों पर और सेल्समैन रखने का शराब ठेकेदारों पर भार बढ़ेगा.

पढ़ें: सादुलपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो सौ किलोग्राम अवैध डोडा पोस्त सहित 1 गिरफ्तार

साथ ही शराब व्यापारियों ने बियर पर वर्ष 2019 में जो 10 फीसदी कमीशन है, उसको वर्ष 2020-21 में 25 फ़ीसदी करने की मांग की है. प्रदर्शन कर रहे शराब व्यापारियों की मांग है, कि नई आबकारी नीतियों में 25 फीसदी नवीनीकरण शुल्क को घटाकर 15 फीसदी कर दिया जाए.

चूरू. जिला मुख्यालय के हनुमानगढ़ी रोड़ स्थित आबकारी ऑफिस के आगे बुधवार को शराब व्यापारियों ने नई आबकारी नीति का विरोध जताया. व्यापारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन कर रहे शराब व्यापारियों का कहना है, कि नई आबकारी नीति वर्ष 2020-21 पूर्ण रूप से शराब व्यापारियों के खिलाफ है.

नई आबकारी नीति का शराब व्यवसायियों ने जताया विरोध

इस नीति से शराब व्यवसाय को वर्ष 2020-21 में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. इसकी खामी ये है, कि जिले के व्यापारियों को 23 करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है , जो उनके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. क्योंकि वर्ष 2019-20 में भी शराब दुकानों की गारंटी पूरी नहीं निकल रही.

ऐसे में 23 करोड़ रुपए देने के कारण शराब दुकानों की हालत खस्ता हो जाएगी. अगर जिले की 174 दुकानों में 23 करोड़ रुपए के टारगेट को डिवाइड किया जाए तो लगभग हर दुकान के 14 लाख रुपए हिस्से में आएंगे.

नए आबकारी अधिनियम के तहत राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब 30 फीसदी शराब व्यापारियों को उठानी अनिवार्य की. वहीं साल 2019-20 में 5 फीसदी ही अनिवार्य की गई. जिसकी शराब दुकानों पर बिक्री नहीं होती थी. वहीं नई आबकारी नीति के अनुसार अब शराब दुकानों पर पीओएस बारकोड स्कैन की मशीनें लगाने का निर्णय लिया गया है. इन मशीनों से शराब ठेकों पर और सेल्समैन रखने का शराब ठेकेदारों पर भार बढ़ेगा.

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साथ ही शराब व्यापारियों ने बियर पर वर्ष 2019 में जो 10 फीसदी कमीशन है, उसको वर्ष 2020-21 में 25 फ़ीसदी करने की मांग की है. प्रदर्शन कर रहे शराब व्यापारियों की मांग है, कि नई आबकारी नीतियों में 25 फीसदी नवीनीकरण शुल्क को घटाकर 15 फीसदी कर दिया जाए.

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