चूरू. बिहार निवासी युवती का बीकानेर जिले के एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. प्रेमी युवक ने उसे घूमने के लिए राजस्थान आने के लिए कहा. ऐसे में युवती अपनी नाबालिग चचेरी बहन को बाजार घुमाने के बहाने साथ ले आई. जिसके बाद युवती नाबालिग को दिल्ली छोड़ गई और युवती खुद प्रेमी के साथ घूमने के लिए बीकानेर आ गई. इधर, ट्रेन में नाबालिग के लावारिस हालत में बैठे होने की सूचना पर चाइल्ड हेल्प लाईन की टीम पहुंची और उसे दस्तयाब किया (minor found alone in Churu).
चाइल्ड हेल्प लाइन की जिला समन्वयक रुकैया पठान ने बताया कि सूचना मिली कि एक नाबालिग दिल्ली से बीकानेर जाने वाली सराय रोहिल्ला ट्रेन में लावारिस हालत में बैठी हुई है. इस पर जीआरपी थाना रतनगढ़ में कॉल कर सूचना दी गई. टीम सदस्य ज्योति बागड़ी और किशन वर्मा की ओर से बच्ची को रतनगढ़ रेलवे स्टेशन से दस्तयाब किया गया. जिसके बाद में बाल कल्याण समिति चूरू के समक्ष पेश किया गया.
दिल्ली घुमाने का कहकर लाई थी चचेरी बहन
बालिका ने बताया कि वह बिहार राज्य के औरंगाबाद की रहने वाली है. उसकी चचेरी बहन का बीकानेर निवासी किसी युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवक ने युवती को राजस्थान घुमाने के लिए बुलाया. इस पर युवती परिजनों को चचेरी नाबालिग बहन को परिजनों को बाजार घुमाने के बहाने साथ लेकर दिल्ली आ गई. इधर, युवती और उसके प्रेमी ने नाबालिग को नई दिल्ली में कही बैठाकर स्वयं वहां से बिना बताए चले गए. नाबालिग परिजनों को इस बारे में कुछ नहीं बता दे इसलिए युवती ने पहले ही नाबालिग का मोबाइल फोन ले लिया था लेकिन नाबालिग को चचेरी बहन के नम्बर याद थे. ऐसे में किसी व्यक्ति से फोन मांगकर सम्पर्क किया तो बहन ने ट्रेन में बैठकर बीकानेर आने के लिए कहा लेकिन ट्रेन में नाबालिग के लावारिस हालत में बैठे होने की सूचना पर चाइल्ड हेल्प लाइन टीम ने उसे दस्तयाब कर लिया, नहीं तो किसी बड़ी अनहोनी की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था.
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1098 टीम ने नाबालिग के परिजनों से संपर्क किया. साथ ही औरंगाबाद थाने में सूचना दी गई. जहां पर बालिका की पहले से ही गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज थी. जिला समन्वयक रुकैया बानो और टीम सदस्य किशन वर्मा की ओर से नाबालिग के परिजन से पूछताछ की गई, तब उन्होंने बताया कि बालिका और उसकी चचेरी बहन 14 जनवरी से पीरहा गांव दाऊद नगर औरंगाबाद बिहार राज्य से मार्केट में सामान लाने के लिए कहकर गई थी और तभी से लापता है.
परिजनों को सूचना दी गई कि बालिका राजस्थान के चूरू जिले में है. शुक्रवार को 7 दिन बाद अपनी पुत्री को देख पिता की आंखें नम हो गई. उन्होंने चाइल्डलाइन टीम का धन्यवाद किया. चाइल्डलाइन टीम की ओर से बालिका व उसके परिजन को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से बालिका को उसके पिता के साथ सुपुर्दगी दी गई.