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REALITY CHECK: चूरू के सरकारी डीबी हॉस्पिटल में मरीजों को नसीब नहीं हो रही चादर, देखें हकीकत

हाल ही में प्रदेश के कोटा सहित कई जिलों में नवजातों की मौत की खबरें सामने आई थी. जिसके बाद सरकार से लेकर चिकित्सा विभाग पर सवालिया निशान उठने लगे थे. उस वक्त प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में प्रशासन एक्टिव मोड पर आ गया. लेकिन, अब ऐसा लग रहा है कि ये बात पुरानी हो चुकी है और सरकारी अस्पताल अपने उसी ढर्रे पर लौट चुके हैं. जिसका अंदाजा आप चूरू के अस्पताल की तस्वीरें देखकर आसानी से लगा सकते हैं. देखिए सरकारी अस्पताल का चूरू से रियलिटी चेक...

Churu reality check, DB Hospital in Churu
चूरू के डीबी हॉस्पिटल का हाल
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Published : Feb 11, 2020, 2:31 PM IST

Updated : Feb 11, 2020, 4:17 PM IST

चूरू. जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल राजकीय डीबी अस्पताल में मरीजों को बेडशीट नहीं दी जा रही है. सबसे ज्यादा खराब हालत मातृ एवं शिशु इकाई की है. यहां पर नवप्रसूताएं और गर्भवती महिलाएं भर्ती रहती हैं. लेकिन इनके वार्डों में मौजूद बेड को चादर भी नसीब नहीं हो रही है.

चूरू के डीबी हॉस्पिटल का हाल, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

चादर नहीं होने की अस्पताल प्रशासन बता रहा ये वजह
वहीं डीबी अस्पताल चादर नहीं होने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि चादर की धुलाई नहीं हो पा रही है, जबकि डीबी अस्पताल प्रशासन चादर धुलाई में ही हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है. इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ चादर मांगने पर मरीजों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार भी करता है और घर से चादर लाने के लिए भी कहता है.

Churu reality check, DB Hospital in Churu
डीबी हॉस्पिटल का मातृ एवं शिशु अस्पताल

पढ़ें- REALITY CHECK: बांसवाड़ा जिला अस्पताल में आबादी के लिहाज से व्यवस्थाएं नाकाफी, शौचालयों में पसरी गंदगी

अस्पताल में इंफेक्शन का बना रहता है खतरा
अस्पताल के बेड पर चादर नहीं होने से लगातार इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है, इसलिए मरीज की चादर नियमित बदलना जरूरी है. लेकिन, यहां तो हालात यह है कि बेडशीट ही नहीं है और गद्दे इतने गंदे हो गए हैं कि संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है. खासकर जच्चा के वार्ड की हालत और भी बदतर है.

Churu reality check, DB Hospital in Churu
वार्ड के पलंग पर नहीं एक भी चादर

एक दिन पहले आई पार्षद की पुत्रवधू को भी नहीं मिली चादर
अस्पताल में बेड पर चादर नहीं होने से हालत यह है कि एक दिन पहले ही वार्ड 19 की पार्षद सरोज सैनी की पुत्रवधु को डिलीवरी के कारण यहां भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें भी अस्पताल प्रशासन ने बेडशीट नहीं दी और कहा कि चादर आप घर से लेकर आइए.

पढ़ें- चूरू: तकनीकी खराबी के चलते अस्पताल की लिफ्ट में फंसा युवक, आधे घंटे बाद निकाला गया

ये हालात तब हैं जब कुछ दिन पहले ही 500 चादर डोनेट की गई
अस्पताल में मरीजों को चादर नहीं मिलने के यह हालात तब हैं, जब अस्पताल प्रबंधन को हाल ही में 500 बेडशीट एक संस्था की ओर से डोनेट भी की गई है. फिर भी यहां मरीजों को चादर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. वहीं मरीजों को चादर नहीं मिलने को लेकर धुलाई करने वाले ठेकेदार को कहा गया है कि वह साफ चादर उपलब्ध करवाए.

चूरू. जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल राजकीय डीबी अस्पताल में मरीजों को बेडशीट नहीं दी जा रही है. सबसे ज्यादा खराब हालत मातृ एवं शिशु इकाई की है. यहां पर नवप्रसूताएं और गर्भवती महिलाएं भर्ती रहती हैं. लेकिन इनके वार्डों में मौजूद बेड को चादर भी नसीब नहीं हो रही है.

चूरू के डीबी हॉस्पिटल का हाल, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

चादर नहीं होने की अस्पताल प्रशासन बता रहा ये वजह
वहीं डीबी अस्पताल चादर नहीं होने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि चादर की धुलाई नहीं हो पा रही है, जबकि डीबी अस्पताल प्रशासन चादर धुलाई में ही हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है. इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ चादर मांगने पर मरीजों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार भी करता है और घर से चादर लाने के लिए भी कहता है.

Churu reality check, DB Hospital in Churu
डीबी हॉस्पिटल का मातृ एवं शिशु अस्पताल

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अस्पताल में इंफेक्शन का बना रहता है खतरा
अस्पताल के बेड पर चादर नहीं होने से लगातार इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है, इसलिए मरीज की चादर नियमित बदलना जरूरी है. लेकिन, यहां तो हालात यह है कि बेडशीट ही नहीं है और गद्दे इतने गंदे हो गए हैं कि संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है. खासकर जच्चा के वार्ड की हालत और भी बदतर है.

Churu reality check, DB Hospital in Churu
वार्ड के पलंग पर नहीं एक भी चादर

एक दिन पहले आई पार्षद की पुत्रवधू को भी नहीं मिली चादर
अस्पताल में बेड पर चादर नहीं होने से हालत यह है कि एक दिन पहले ही वार्ड 19 की पार्षद सरोज सैनी की पुत्रवधु को डिलीवरी के कारण यहां भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें भी अस्पताल प्रशासन ने बेडशीट नहीं दी और कहा कि चादर आप घर से लेकर आइए.

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ये हालात तब हैं जब कुछ दिन पहले ही 500 चादर डोनेट की गई
अस्पताल में मरीजों को चादर नहीं मिलने के यह हालात तब हैं, जब अस्पताल प्रबंधन को हाल ही में 500 बेडशीट एक संस्था की ओर से डोनेट भी की गई है. फिर भी यहां मरीजों को चादर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. वहीं मरीजों को चादर नहीं मिलने को लेकर धुलाई करने वाले ठेकेदार को कहा गया है कि वह साफ चादर उपलब्ध करवाए.

Intro:चूरू। चूरू जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल राजकीय डीबी अस्पताल में मरीजों को बेडशीट (चादर)नहीं दी जा रही है। सबसे ज्यादा खराब हालत मातृ एवं शिशु इकाई की है। यहां पर नवप्रसूताएं व गर्भवती महिलाएं भर्ती रहती है लेकिन इनके वार्डों में एक भी बेड पर चादर नहीं दी जा रही है।
चादर नहीं होने के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि चादर की धुलाई नहीं हो पा रही है जबकि डीबी अस्पताल प्रशासन चादर धुलाई में ही हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ चादर मांगने पर मरीजों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार भी करता है और घर से चादर लाने के लिए भी कहा जा रहा है।


Body:: इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है
अस्पताल के इन बेड पर बेडशीट नहीं होने से लगातार इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है। इसलिए मरीज की चादर नियमित बदलना जरूरी है लेकिन यहां तो हालात यह हैं कि बेडशीट ही नहीं है और गद्दे इतने गंदे हो गए हैं कि संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है। खासकर जच्चा के वार्ड की हालात और भी बदतर है।
: एक दिन पहले पार्षद की पुत्रवधू को भी नहीं दी गई बेडशीट
अस्पताल में बेड पर चादर नहीं होने से हालात यह हैं कि एक दिन पहले ही वार्ड 19 की पार्षद सरोज सैनी की पुत्रवधु को डिलीवरी के कारण यहां भर्ती कराया गया था। लेकिन उन्हें भी अस्पताल प्रशासन ने बेडशीट नहीं दी और कहा कि चादर आप घर से लेकर आइए।
: यह हालात तब है जब कुछ दिन पहले ही 500 चादर डोनेट की गई अस्पताल को
अस्पताल में मरीजों को चादर नहीं मिलने के यह हालत तो तब है जब अस्पताल प्रबंधन को हाल ही में 500 बेडशीट एक संस्था की ओर से डोनेट भी की गई है।


Conclusion:बाइट: एक- सरोज सैनी, पार्षद, वार्ड 19, नगर परिषद चूरू।
मेरी पुत्रवधू डिलीवरी की वजह से भर्ती है। हमने जब अस्पताल प्रशासन से चादर मांगी तो उन्होंने कहा कि आपको यहां चादर नहीं मिलेगी। आपको घर से ही लानी होगी। यह कह रहे हैं कि चादर धुली हुई नहीं है, इनका व्यवहार भी रुखा है।
बाइट: दो- डॉ. एफएच गौरी, कार्यवाहक अधीक्षक, राजकीय डीबी अस्पताल, चूरू।
मरीजों को चादर नहीं मिलने को लेकर धुलाई करने वाले ठेकेदार को कहा गया है। साफ चादर उपलब्ध करवाने के लिए कहा गया है। कुछ दिन पहले ही अस्पताल को 500 बेडशीट डोनेट की गई है। इस मामले की जांच करेंगे।
Last Updated : Feb 11, 2020, 4:17 PM IST
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