चूरू. जिला मुख्यालय के सबसे बड़े अस्पताल राजकीय डीबी अस्पताल में मरीजों को बेडशीट नहीं दी जा रही है. सबसे ज्यादा खराब हालत मातृ एवं शिशु इकाई की है. यहां पर नवप्रसूताएं और गर्भवती महिलाएं भर्ती रहती हैं. लेकिन इनके वार्डों में मौजूद बेड को चादर भी नसीब नहीं हो रही है.
चादर नहीं होने की अस्पताल प्रशासन बता रहा ये वजह
वहीं डीबी अस्पताल चादर नहीं होने के पीछे यह वजह बताई जा रही है कि चादर की धुलाई नहीं हो पा रही है, जबकि डीबी अस्पताल प्रशासन चादर धुलाई में ही हर साल लाखों रुपए खर्च कर रहा है. इतना ही नहीं अस्पताल स्टाफ चादर मांगने पर मरीजों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार भी करता है और घर से चादर लाने के लिए भी कहता है.
अस्पताल में इंफेक्शन का बना रहता है खतरा
अस्पताल के बेड पर चादर नहीं होने से लगातार इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है, इसलिए मरीज की चादर नियमित बदलना जरूरी है. लेकिन, यहां तो हालात यह है कि बेडशीट ही नहीं है और गद्दे इतने गंदे हो गए हैं कि संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है. खासकर जच्चा के वार्ड की हालत और भी बदतर है.
एक दिन पहले आई पार्षद की पुत्रवधू को भी नहीं मिली चादर
अस्पताल में बेड पर चादर नहीं होने से हालत यह है कि एक दिन पहले ही वार्ड 19 की पार्षद सरोज सैनी की पुत्रवधु को डिलीवरी के कारण यहां भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें भी अस्पताल प्रशासन ने बेडशीट नहीं दी और कहा कि चादर आप घर से लेकर आइए.
पढ़ें- चूरू: तकनीकी खराबी के चलते अस्पताल की लिफ्ट में फंसा युवक, आधे घंटे बाद निकाला गया
ये हालात तब हैं जब कुछ दिन पहले ही 500 चादर डोनेट की गई
अस्पताल में मरीजों को चादर नहीं मिलने के यह हालात तब हैं, जब अस्पताल प्रबंधन को हाल ही में 500 बेडशीट एक संस्था की ओर से डोनेट भी की गई है. फिर भी यहां मरीजों को चादर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं. वहीं मरीजों को चादर नहीं मिलने को लेकर धुलाई करने वाले ठेकेदार को कहा गया है कि वह साफ चादर उपलब्ध करवाए.