चूरू. गृह रक्षा विभाग की ओर से होमगार्ड्स को जब-जब भी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो वह बखूबी निभाते है. लेकिन रोजाना ड्यूटी नहीं मिलने से इन होमगार्ड्स के सामने परिवार का पेट पालने का संकट खड़ा हो गया है. यही वजह है कि इन्हें अब मजबूरी में दूसरा काम करना पड़ रहा है.
कुछ होमगार्ड है जो परिवार पालने के लिए टैक्सी चला रहे हैं तो कुछ ट्यूशन पढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसे हैं जो बर्तन की दुकान पर काम कर रहे हैं तो कुछ सिलाई का काम कर रहे है. हालांकि विभाग इनको कम ड्यूटी मिलने का कारण बता रहा है कि चूरू जिले में ना तो ट्रैफिक व्यवस्था के लिए गार्ड्स की ज्यादा जरूरत पड़ती है और ना ही यहां पर इंडस्ट्रीज है.
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चुरू जिले में होमगार्ड्स की संख्या 541 है लेकिन इन होमगार्ड्स में से रोस्टर वाइज 80 होमगार्ड्स को ही रोजाना ड्यूटी मिल रही है. कुछ होमगार्ड्स का कहना है कि उन्हें साल में दो या 3 महीने ही काम मिल रहा है. ऐसे में परिवार का पेट पालने के लिए मजबूरी में उन्हें दूसरे काम करने पड़ रहे हैं.
होमगार्ड्स को राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर ट्रैफिक, न्यायालय व आबकारी के साथ ही चुनाव ड्यूटी में भी तैनात किया जाता है. भर्ती से पहले सरकार की ओर से मेडिकल, शिक्षा व शारीरिक दक्षता सहित कई तरह के टेस्ट भी ले जाते हैं लेकिन नियमित ड्यूटी नहीं मिल रही है.