चूरू. जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमित मरीजों के चलते हरकत में आए जिला प्रसाशन ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए जिले के सबसे बड़े राजकीय भरतियाअस्पताल को पूर्णतया कोविड डेडिकेटेड अस्पताल घोषित करने का निर्णय लिया है. जिला कलेक्टर सांवरमल ने बताया कि अब सामान्य उपचार के लिए मरीज जिला मुख्यालय के नेत्र अस्पताल में जा सकेंगे, जहां भरतिया अस्पताल की समस्त सेवाएं मेडिकल फिजिशियन को छोड़कर नेत्र चिकित्सालय में रहेगी. उन्होंने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को चलते जिला अस्पताल में सामान्य उपचार के लिए आने वाले मरीजों को संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ गया था. ऐसे में यह निर्णय लिया गया है.
कलेक्टर ने बताया कि राजकीय भरतिया अस्पताल में 200 बेड की क्षमता को विकसित किया जाना है. उन्होंने बताया कि ईएनटी, चर्म रोग, मानसिक रोग, सर्जन, अस्थि रोग और अन्य चिकित्सक भी कोविड से सम्बंधित कार्य संपादित करेंगे और फिजीशियन के ऑन कॉल संपर्क में रहते हुए बेसिक एमबीबीएस डॉक्टर समकक्ष ड्यूटी संपादित करेंगे. इन चिकित्सकों की सेवाएं कोविड केयर सेंटर में भी ली जा सकेगी.
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चिकित्सा विभाग से संबंधित सभी अधिकारी चिकित्सक, नर्सिंग और अन्य स्टाफ मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे. अपने मोबाइल को स्विच ऑन रखेंगे और ऑन कॉल ड्यूटी पर उपस्थित होना सुनिश्चित करेंगे. बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के चिकित्सक अवकाश नहीं ले सकेंगे. उन्होंने कहा उक्त निर्देशों की अवहेलना करने पर संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
राठौड़ ने अस्पताल का किया निरीक्षण
राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सोमवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीजों से अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी ली थी. इसके बाद राठौड़ ने अस्पताल में गंदगी का आलम देख और संक्रमित मरीजों का भार देख जिला प्रसाशन और प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा से बात कर उन्हें जिला अस्पताल को पूर्णतः कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित करने और सामान्य मरीजों के लिए नेत्र अस्पताल में व्यवस्था करने का सुझाव दिया था.