चूरू. देश के अन्नदाता को राहत देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में राजस्थान के चूरू जिले में बड़ा चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. यहां अन्नदाता को राहत देने के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ उन 1967 लोगों ने ले लिया जो आयकर दाता हैं. पूरे मामले का खुलासा होने के बाद जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने भी प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं.
इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब केंद्र सरकार की ओर से भुगतान उठाने के बाद जांच में आधार नंबर से इसका मिलान किया गया. जिसमें झूठ से पर्दा उठा और पता चला की जिले में 1967 ऐसे लोगों ने इस योजना का अपात्र होते हुए भी लाभ ले लिया. जिसके चलते सरकार को करीब 1 करोड़ 76 लाख का चूना लगाया है.
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सभी अपात्र लोगों से अब वसूली की जाएगी. जिला कलेक्टर ने वसूली के लिए बाकायदा सभी तहसीलदारों को सख्त निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार की ओर से पात्र किसान को प्रत्येक वर्ष किश्त के तौर पर 6 हजार रुपए दिए जाते हैं. यह राशि प्रत्येक चार महीने के अंतराल में 2 हजार रुपए की किस्त के तौर पर होती है.
25 हजार किसानों के दस्तावेजों में खामियां...
चूरू जिले में कुल 2 लाख 61 हजार किसान हैं. इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 2 लाख 42 हजार किसानों की ओर से पंजीयन करवाया गया है. कुल पंजीकृत किसानों में से 25 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके दस्तावेजों में खामियां हैं.
फर्जीवाड़े में सादुलपुर तहसील टॉप पर...
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उजागर हुए इस फर्जीवाड़े की बात की जाए तो जिले की लगभग हर तहसील में ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपात्र होते हुए भी इस योजना का पात्र बनकर लाभ लिया. इस सूची में सबसे ऊपर नाम है जिले की सादुलपुर तहसील का दूसरे नंबर पर है सरदारशहर तहसील और तीसरे नंबर पर है तारानगर तहसील.
इनकम टैक्स भरते हैं तो योजना का नहीं ले सकते लाभ...
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नियमों की बात करें तो लाभ वहीं किसान ले सकते हैं जो टैक्स नहीं भरते हैं. आवेदन करते समय आधार कार्ड की अनिवार्यता शामिल की गई है. सरकार की ओर से आयकर विभाग के माध्यम से आधार कार्ड के जरिए डाटा का मिलान किया गया. प्रदेश में आयकर देने के बावजूद गरीब बनकर किश्त उठाने वाले 60 हजार लोग हैं.