तारानगर (चूरू).आजादी के 70 साल बाद भी पीने के पानी का मुद्दा मुंह बाए खड़ा हो वहां लंबे चौड़े विकास की कहानी सुनाने वाले जनप्रतिनिधियों पर आपका क्या कहना है यह शायद अजीब सी विडम्बना है.
दरअसल, जिले के ढाणी चुनाराम के ग्रामीणों को पीने का पानी नसीब नहीं हो पा रहा है. लाखों रुपए विभाग ने पानी की समस्या के समाधान के लिए बहा दिए, लेकिन पानी की आस आज तक पूरी नहीं हुई. ग्रामीणों की माने तो पिछले 7-8 वर्षों से वो पानी के लिये तरस रहे है. नेता चुनाव में आते हैं और पेयजल समस्या के समाधान का हाल बताकर चले जाते है. ग्रामीणों की माने तो अब नेताओं और अधिकारियों की लिस्ट में ढाणी चुनाराम इस तहसील में कोई गांव नहीं रहा. शायद इसीलिए समाधान नहीं हो पा रहा है.
ग्रामीणों ने बताया, कि 7 सालों से 1000 से 1500 रुपए तक में टैंकर से पानी खरीदना पड़ रहा है. वहीं, ट्रैक्टर ट्रॉली और ऊंट गाड़ी से पेयजल की आवश्यकता पूरी करना रोजमर्रा के कामों में जुड़ गया है. सर्दियों में तो महिलाएं 4-5 किलोमीटर दूर से कुंड कुओं से अपने सर पर पानी लेकर आती थी पर गर्मियां आते-आते वो संसाधन भी सूख गए. इस गांव के युवाओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का मूल कार्य पशुपालन भी प्रभावित होता जा रहा है. वहीं, स्थानीय विधायक नरेन्द्र बुडानिया का कहना है, कि जल्द ही ढाणी के पानी की समस्या समाप्त हो जायेगी.
तारानगर उपखंड अधिकारी अर्पिता सोनी का कहना है, कि सहायक अभियंता से वार्ता हुई है सहायक अभियंता ने पाइप लाइन में लीकेज की वजह से पानी नहीं आ रहा है, शाम तक लीकेज ठीक कर दिया जायेगा और समस्या समाप्त हो जायेगी. इसके साथ ही भारतीय किसान सभा के नेता निर्मल प्रजापत ने कहा, कि सच मे ढाणी चुनाराम के लोग पानी के लिये परेशान है. हमने इस मुद्दे पर पहले भी अधिकारियों से वार्ता की अब लोकडाउन हटने के बाद हम इस मुद्दे पर काम करेंगे.