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सरदारशहर उपचुनाव की मतगणना आज, त्रिकोणीय मुकाबले के बीच रोचक परिणाम की उम्मीद

राजस्थान में सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में सरदारशहर उपचुनाव के नतीजों पर (Sardarshahar by election Result) सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. उपचुनाव के परिणाम गुरुवार को आएंगे.

Sardarshahar by election Result
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Published : Dec 8, 2022, 12:08 AM IST

Updated : Dec 8, 2022, 12:17 AM IST

जयपुर. राजस्थान में सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम (Sardarshahar by election) गुरुवार को सामने होगा. सुबह मतगणना शुरू होगी. इस सीट के चुनाव परिणाम पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं. साल 2023 के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे, इस लिहाज से प्रदेश की राजनीति में सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण होगा.

पिछली बार की तुलना में यहां 4.33 फीसदी मतदान कम हुआ था. जो कुछ दलों के लिए चिंता का विषय भी है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार का परिणाम अप्रत्याशित भी हो सकता है. कांग्रेस के विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन से खाली हुई सरदारशहर सीट पर मंगलवार को मतदान हुआ था. निर्वाचन विभाग के मुताबिक मतदान 72.9 प्रतिशत रिकॉर्ड हुआ था जो कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले में कम रहा था.

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सरदारशहर में 77.93 फ़ीसदी मतदान हुआ (Sardarshahar by election Result) था. ऐसे में उपचुनाव में विधानसभा चुनाव की तुलना में करीब साढ़े चार फ़ीसदी मतदान कम हुआ है. इससे पहले वल्लभनगर, धरियावद, राजसमंद, सहाड़ा में भी करीब 70 फ़ीसदी मतदान हुआ था. सरदारशहर चुनाव में 72 फीसदी मतदान होने पर सत्तारूढ़ कांग्रेस, प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय दल अपने-अपने हिसाब से मतदान का आंकलन करने में जुटे हुए हैं. सभी मतदान को अपने अपने पक्ष में बता रहे हैं.

पढ़ें. सरदारशहर उपचुनाव में 72.09 फीसदी मतदान, मतपेटिंयों में बंद प्रत्याशियों की किस्मत

सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल शर्मा जहां सरदारशहर सीट पर हुए मतदान को अपने पक्ष में बताते हुए जीत के दावे कर रहे हैं. वहीं भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार पिंचा भी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल भी सरदारशहर उपचुनाव में मतदान के बाद अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस के दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा यहां से छह बार विधायक रहे हैं. ऐसे में सरदार शहर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. भाजपा को लगातार यहां पर दो बार से हार का सामना करना पड़ रहा है. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव और साल 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने यहां पर भंवर लाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला है. वहीं क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं की मौजूदगी में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने जाट कार्ड के दम पर मजबूत पकड़ बना ली थी.

जयपुर. राजस्थान में सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम (Sardarshahar by election) गुरुवार को सामने होगा. सुबह मतगणना शुरू होगी. इस सीट के चुनाव परिणाम पर सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं. साल 2023 के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होंगे, इस लिहाज से प्रदेश की राजनीति में सरदारशहर उपचुनाव का परिणाम बहुत महत्वपूर्ण होगा.

पिछली बार की तुलना में यहां 4.33 फीसदी मतदान कम हुआ था. जो कुछ दलों के लिए चिंता का विषय भी है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार का परिणाम अप्रत्याशित भी हो सकता है. कांग्रेस के विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन से खाली हुई सरदारशहर सीट पर मंगलवार को मतदान हुआ था. निर्वाचन विभाग के मुताबिक मतदान 72.9 प्रतिशत रिकॉर्ड हुआ था जो कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले में कम रहा था.

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सरदारशहर में 77.93 फ़ीसदी मतदान हुआ (Sardarshahar by election Result) था. ऐसे में उपचुनाव में विधानसभा चुनाव की तुलना में करीब साढ़े चार फ़ीसदी मतदान कम हुआ है. इससे पहले वल्लभनगर, धरियावद, राजसमंद, सहाड़ा में भी करीब 70 फ़ीसदी मतदान हुआ था. सरदारशहर चुनाव में 72 फीसदी मतदान होने पर सत्तारूढ़ कांग्रेस, प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय दल अपने-अपने हिसाब से मतदान का आंकलन करने में जुटे हुए हैं. सभी मतदान को अपने अपने पक्ष में बता रहे हैं.

पढ़ें. सरदारशहर उपचुनाव में 72.09 फीसदी मतदान, मतपेटिंयों में बंद प्रत्याशियों की किस्मत

सत्तारूढ़ कांग्रेस के प्रत्याशी अनिल शर्मा जहां सरदारशहर सीट पर हुए मतदान को अपने पक्ष में बताते हुए जीत के दावे कर रहे हैं. वहीं भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार पिंचा भी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल भी सरदारशहर उपचुनाव में मतदान के बाद अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.

बता दें कि कांग्रेस के दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा यहां से छह बार विधायक रहे हैं. ऐसे में सरदार शहर को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. भाजपा को लगातार यहां पर दो बार से हार का सामना करना पड़ रहा है. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव और साल 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने यहां पर भंवर लाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चला है. वहीं क्षेत्र में सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं की मौजूदगी में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने जाट कार्ड के दम पर मजबूत पकड़ बना ली थी.

Last Updated : Dec 8, 2022, 12:17 AM IST
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