चूरू. जिला मुख्यालय के नगीना मस्जिद इलाके का रहने वाला 21 वर्षीय दिव्यांग युवक और उसके परिजनों ने ना सिर्फ वैश्विक महामारी कोरोना को मात दी है. बल्कि देश के उन तमाम लोगों के सामने मिसाल भी पेश की है, जो इस महामारी के डर से चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग से दूरी बनाए हुए हैं.
जिले में गुरुवार को दिव्यांग युवक और उसके माता पिता कोरोना से जंग जितने के बाद घर पहुंचे. इससे पहले जब इन्हें ANM नर्सिंग ट्रेनिग सेंटर से डिस्चार्ज कर घर भेजा गया तो चिकित्सकों सहित क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौजूद स्टाफ ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया.
कोरोना की इस जंग में ना सिर्फ 21 साल के दिव्यांग युवक ने अपने हौसले के दम पर कोरोना को हराया है. बल्कि इसके कोरोना पॉजिटिव-माता पिता ने भी कोरोना की इस जंग को जीता है. इस पूरे परिवार ने देश के सामने एक उदाहरण भी पेश किया है कि अगर आप चिकित्सकों का साथ दें और उनके दिए निर्देशों की पालना करें तो आप इस वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं.
दरअसल जिला मुख्यालय के नगीना मस्जिद के इलाके के रहने वाले इस 21 वर्षीय युवक की रिपोर्ट 11 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आयी थी. जिसके बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने इसके परिजनों के भी जांच के लिए सैंपल लिए थे. जिसके बाद 12 अप्रैल को दिव्यांग युवक के माता पिता की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव निकली.
जिसके बाद 21 वर्षीय दिव्यांग युवक और उसके माता पिता को कोरोना के उपचार के लिए बीकानेर अस्पताल भेज दिया गया. वहीं उसके भाई बहनों को चूरू के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया. जिसके बाद युवक और उसके माता पिता को 28 अप्रैल को चूरू क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया. जहां फिर से इन्हें पूरे परिवार के साथ 16 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया और एक दिन पहले इनकी फिर से कोरोना की जांच करवाई गई. जिस पर इनकी रिपोर्ट नेगिटिव आई.